झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन जोरदार हंगामे के कारण स्पीकर रबींद्र नाथ महतो ने सदन की कार्यवाही गुरुवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. सदन स्थगित होने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी के विधायक वेल में धरने पर बैठे हैं. विधायकों का कहना है कि जब तक मुख्यमंत्री युवाओं और संविदा कर्मियों के मुद्दे समेत अपने घोषणा पत्र में किए गए सभी वादों पर जवाब नहीं देते, तब तक सभी लोग वेल में बैठे रहेंगे. स्पष्ट जवाब मिलने के बाद ही बीजेपी विधायक सदन से बाहर निकलेंगे. खबर लिखे जाने तक बीजेपी के सभी विधायक सदन में मौजूद हैं. वहीं सदन की कार्यवाही गुरुवार सुबह 11:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है. सत्ता पक्ष के सभी विधायक भी सदन से बाहर चले गए हैं।

दरअसल, भोजनावकाश के बाद जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने हेमंत सोरेन की घोषणा का मुद्दा उठाया. बाउरी ने कहा कि मुख्यमंत्री आज सदन के अंदर झारखंड के सभी विषयों से मिलेंगे, जिनमें पारा शिक्षक, सहायक पुलिसकर्मी, मनरेगा कर्मी, आंगनबाडी सेविका सहायिका, रसोइया, पोषण सखी, जल सहिया, एएनएम जीएनएम, होम गार्ड, पंचायत सेवक, कंप्यूटर शामिल हैं. ऑपरेटर, डेटा ऑपरेटर. ,पेशेवर, प्रशिक्षित शिक्षक, अराजपत्रित कर्मचारी, भूमि संरक्षक जेई, दिव्यांगजन, जेएसएलपीएस, नगर पालिका सफाई कर्मचारी, बीआरपी-सीआरपी समेत सभी अनुबंध कर्मियों को स्थायीकरण, बेरोजगारी भत्ता, स्थानीय नीति, जेएसएससी घोटाला, जेपीएससी घोटाला पर जवाब देना होगा। उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री सत्र के आखिरी दिन बोलकर चले जाएंगे तो आखिरी सत्र होने के कारण जनता को इन सभी विषयों पर जवाब नहीं मिल पाएगा. उन्होंने साफ कहा कि जब तक मुख्यमंत्री इन सभी मुद्दों पर जवाब नहीं देते तब तक भारतीय जनता पार्टी का कोई भी विधायक सदन से बाहर नहीं जाएगा।