केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को देश में लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव (वन नेशन वन इलेक्शन) कराने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। यह बिल शीतकालीन सत्र यानी नवंबर-दिसंबर में संसद में पेश किया जाएगा।
चुनाव आयोग लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनावों के लिए राज्य चुनाव अधिकारियों के परामर्श से एक एकल मतदाता सूची और मतदाता पहचान पत्र तैयार करेगा।
चुनाव आयोग लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनावों के लिए राज्य चुनाव अधिकारियों के परामर्श से एक एकल मतदाता सूची और मतदाता पहचान पत्र तैयार करेगा।
केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को देश में लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव (वन नेशन वन इलेक्शन) कराने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। यह बिल शीतकालीन सत्र यानी नवंबर-दिसंबर में संसद में पेश किया जाएगा.

कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ‘पहले चरण में विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ होंगे. इसके बाद 100 दिन के अंदर दूसरे चरण में निकाय चुनाव कराए जाएं.
17 सितंबर को गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि सरकार इस कार्यकाल के दौरान ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ लागू करेगी. 15 अगस्त को प्रधानमंत्री ने कहा था कि बार-बार चुनाव देश की प्रगति में बाधक बन रहे हैं.
वन नेशन वन इलेक्शन पर विचार के लिए बनी पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी ने 14 मार्च को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. रिपोर्ट 18 हजार 626 पन्नों की है.
पैनल 2 सितंबर 2023 को बनाया गया थायह रिपोर्ट हितधारकों-विशेषज्ञों के साथ चर्चा के बाद 191 दिनों के शोध का परिणाम है। समिति ने सभी विधानसभाओं का कार्यकाल 2029 तक बढ़ाने का सुझाव दिया है.