राज्य में एक महीने से चल रहा विधानसभा चुनाव का शोर थम गया है. दूसरे चरण में 38 सीटों पर बुधवार को वेटिंग लिस्ट रहेगी. दूसरे चरण में जिन सीटों पर मतदान होना है उनमें संताल परगना की 18, कोयलांचल की 16, रामगढ़ की दो और रांची जिले की दो सीटें शामिल हैं. इन 38 सीटों में से दो-तीन को छोड़कर ज्यादातर सीटों पर एनडीए और इंडी गठबंधन के बीच मुकाबला है. 2019 के चुनाव में इंदी गठबंधन ने संथाल परगना में बेहतर प्रदर्शन किया था.कोयलांचल में जहां बीजेपी के सामने अपना गढ़ बचाने और इंडी गठबंधन द्वारा जीती गई सीटों को बरकरार रखने की चुनौती है, वहीं एनडीए गठबंधन के सामने अपनी सीटें सुरक्षित करने के साथ-साथ इंडी गठबंधन की सीटों में सेंध लगाने की चुनौती है. बुधवार की वोटिंग में जिस भी गठबंधन को बढ़त मिलेगी वह सत्ता में आएगा।

चुनाव प्रचार के दौरान दोनों गठबंधनों के नेताओं ने पूरी ताकत लगायी, तमाम हथकंडे अपनाये गये, पाला बदलने का खेल आखिरी दिनों तक जारी रहा. नेता इधर से उधर घूमते रहे. अब इसके नतीजे को सबसे बड़ी चुनौती संथाल परगना में बीजेपी से मिल रही है. बीजेपी ने यहां कई प्रयोग किए हैं. बांग्लादेशी घुसपैठ और रोटी, बेटी और मिट्टी की सुरक्षा को मुद्दा बनाया गया है. झामुमो के कई नेताओं को पार्टी में शामिल कराया गया है.
गिरिडीह, धनबाद और बोकारो जिले की कुछ सीटों पर जयराम महतो की पार्टी झारखंड लोकतांत्रिक मोर्चा के प्रभाव की भी चर्चा है. जयराम महतो खुद डुमरी और बेरमो से चुनाव लड़ रहे हैं. डुमरी में जयराम महतो झामुमो प्रत्याशी मंत्री बेबी देवी और आजसू प्रत्याशी मंत्री बेबी देवी और आजसू प्रत्याशी यशोदा देवी को कड़ी टक्कर दे रहे हैं. यहां मुख्य मुकाबले में जयराम महतो हैं, अन्य सीटों पर भी उनके उम्मीदवार इंडी और एनडीए उम्मीदवारों का संतुलन बिगाड़ सकते हैं. कैंची की भी है नजर, बाघमारा में निर्दलीय रोहित यादव भी हैं चर्चा में, भारत के प्रत्याशी शत्रुघ्न बना रहे हैं महत्व के लिए परेशानी इधर सांसद ढुलू अपने भाई के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं.
बुधवार को मतदाता जिन प्रमुख उम्मीदवारों के मुकाबले का फैसला करेंगे उनमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (बरहेट), पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी (धनवार), विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो (नाला), हेमंत सोरेन के चार कैबिनेट मंत्री शामिल हैं। सरकार, बेबीदेवी (डुमरी).), हफीजुल अंसारी (मधुपुर), दीपिकापांडेय (महगामा), डाॅ.इनमें इरफान अंसारी (जामताड़ा) प्रमुख हैं। कई पूर्व मंत्री भी मैदान में हैं। इनमें बादल पत्रलेख (जुरमुंडी), रणधीर सिंह (सारठ), प्रदीप यादव (पोड़ैयाहाट), स्टीफन मरांडी (महेशपुर), बसंत सोरेन (दुमका) शामिल हैं। , लुईस मरांडी (जामा), हेमलाल मुर्मू (लिट्टीपाड़ा), मथुरा महतो(टुंड्री), विपक्ष के नेता अमर बावरी (चंदनकियारी), मुख्यमंत्री की पत्नी कल्पना सोरेन (गांडेय) आदि प्रमुख हैं। अन्य प्रमुख चेहरों में आजसू प्रमुख सुदेश महतो (सिल्ली), सीता सुरेन (जामताड़ा), लेविन हेम्ब्रम (बोरिया), और एमएल विधायक बिनोद सिंह (बगोदर), अनुप सिंह बेरमो शामिल हैं।