मुख्य सचिव श्रीमती अलका तिवारी ने कहा है कि सभी संबंधित विभाग नशे के कारोबार पर रणनीति बना कर नकेल कसें। उन्होंने निर्देश दिया कि पोस्ते की खेती, उसकी फसल से अफीम का उत्पादन और वितरण मार्ग पर पैनी नजर रखें। उन्होंने कहा कि पोस्ते की खेती से ज्यादा आमदनी होने के कारण ही लोग इसमें संलग्न होते हैं। वे जेल जाने तक से नहीं डरते। इसे लेकर पोस्ते की खेती से लोगों को निरुत्साहित करने और कृषि विभाग से मिलकर आमदनी का वैकल्पिक साधन उपलब्ध कराने की जरूरत है। वह शुक्रवार को सचिवालय में पोस्ते की खेती पर रोकथाम को लेकर गृह विभाग द्वारा आयोजित बैठक को संबोधित कर रही थीं।
उन्होंने कहा कि नशे के कारोबार से जुड़े लोगों की पहचान करने, धर-पकड़ करने के साथ ज्यादा जरूरी है कि उन्हें सजा दिलाने के बिंदू पर भी फोकस करें। नशे के कारोबार से जुड़े पूरे नेटवर्क को ध्वस्त कर ही हम मुकम्मल सफलता प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि ज्यादातर पोस्ते की खेती जंगल में जलाशयों के पास होती है। वन विभाग जिला प्रशासन से समन्वय बनाकर ऐसे स्थलों को चिह्नित करे और फसलों को नष्ट करने के साथ इसकी खेती से जुड़े लोगों पर कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करें। साथ ही जंगल की खाली जमीन पर पौधरोपण आदि के माध्यम से वन विभाग पोस्ते की खेती करनेवालों को हतोत्साहित करे।
उन्होंने कहा कि नशे के कारोबार पर जन जागरूकता के माध्यम से भी नकेल कसा जा सकता है। इसके लिए हर स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जाए। खासकर पंचायती राज विभाग को इसमें शामिल कर उनके संसाधनों का उपयोग जागरूकता अभियान में काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। उन्होंने कतिपय शहरों में ड्रग्स की बढ़ती लत पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि जागरूकता अभियान में शिक्षा विभाग को जोड़ कर स्कूल स्तर से नशे के खिलाफ माहौल बनाने की जरूरत है। इस पर भी रणनीति बना कर कार्य करने पर उन्होंने बल दिया।
उसके पहले बैठक में पोस्ते की खेती से प्रभावित जिलों चतरा, खूंटी, हजारीबाग, लातेहार, पलामू, रांची, चाईबासा और सरायकेला-खारसावां जिले के पुलिस अधीक्षकों और उपायुक्तों ने पोस्ते की खेती पर नकेल कसने की कार्रवाई से अवगत कराया। साथ ही आगे की रणनीति भी बतायी। एनडीपीएस की ओर से पावर प्रजेंटेशन के माध्यम से नशे के कारोबार पर विस्तृत प्रकाश डाला गया और उसकी रोकथाम के उपायों पर सुझाव साझा किया गया। बैठक में गृह सचिव श्रीमती वंदना डाडेल और डीजीपी श्री अनुराग गुप्ता ने भी कई महत्वपूर्ण निर्देश दिये। बैढक में पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव श्री विनय कुमार चौबे एवं वन विभाग के सचिव श्री अबूबकर सिद्धकी भी उपस्थित थे।