5 नवंबर को रांची के मोराबादी में आदिवासी सेंगल अभियान का होगा विशाल जनसभा ।

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सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने प्रेस वार्ता किया उन्होंने कहा सोरेन खानदान से शिबू सोरेन हेमंत सोरेन के पांच बार मुख्यमंत्री बनने से भी शहीदों का सपना “आबो आग दिशोम उल्टी दिशा में अग्रसर है।

1)सालखन मुर्मू ने बताया कि क्योंकि यह सरकार लूट, झूठ, भ्रष्टाचार और विज्ञापन पर सवार है। पहले झारखंड को साढ़े तीन करोड़ रूपयों में कांग्रेस को बेचा अब मरांग बुरु को जैनों के हाथों बेचा। खुद सीएनटी/ एसपीटी एक्ट का उल्लंघन करते हुए नाम बदलकर जमीन हड़पता है। केवल वोट के लिए सरना धर्म कोड की बात करता है। स्थानीयता, आरक्षण और नियोजन के नाम पर सबको ठगने का काम करता है। एकमात्र राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त आदिवासी भाषा- संथाली भाषा को प्रथम राजभाषा का दर्जा नहीं देकर आदिवासियों को अपमानित करता है। विस्थापन- पलायन, हयूमन टफिकिंग, बेरोजगारी आदि बदस्तूर जारी है।

2) झारखंड और वृहद झारखंड के आदिवासियों का दुर्भाग्य है कि भाजपा भी आदिवासियों को वनवासी बोलकर तथा जबरन हिंदू बनाने की जिद में आदिवासियों को करीब आने से रोक देता है। बीजेपी जिद छोड़ जल्द सरना धर्म कोड की मान्यता घोषणा करें तो दोनों का भला हो सकता है।

3) सरना धर्म कोड आंदोलन जारी है। रविवार 5 नवंबर 2023 को रांची के मोरहाबादी मैदान में इसकी मान्यता हेतु सेंगेल द्वारा विशाल जनसभा का आयोजन होगा। सरना धर्म कोड आंदोलन की सफलता के लिए सरना जागरण सभाओं का आयोजन 15 सितंबर को आदिवासी एसोसिएशन हाल, सीतारामडेरा, जमशेदपुर, 16 सितंबर को बिरसा आश्रम हॉल, नया मोड़, बोकारो और रविवार, 17 सितंबर को सिदो मुर्मू इनडोर स्टेडियम, दुमका में आयोजित किया। जाएगा। जिसमें सरना समर्थक सभी आदिवासी आमंत्रित हैं।

4) डायन नहीं होते हैं। डायन बनाने वाले होते हैं। जिन्हें पकड़ कर दंडित करने से डायन प्रथा जल्द खत्म हो सकता है। डायन प्रथा अंधविश्वास से ज्यादा आपराधिक षडयंत्र का मामला है। अतएव पुलिस प्रशासन को ज्यादा संवेदनशील और सक्रियता के साथ इसके उन्मूलन में सहयोग करना चाहिए न कि इसे सामाजिक मामला बताकर पल्ला झाड़ लेना चाहिए। आदिवासी स्वशासन व्यवस्था के अगुआ भी परपरा के नाम पर इसके लिए दोषी हैं। अतः माझी परगना, मानकी- मुंडा आदि को भी इसके उन्मूलन के लिए भागीदार बनाना जरूरी है।

5) मणिपुर हिंसा के लिए एक कारण कुकी आदिवासियों के ऊपर जबरन अधिसंख्यक गैर-आदिवासी मैतेई जाति को एसटी बनाकर असली आदिवासियों का हकमारी है। इसके पीछे राजनीतिक वोट बैंक का लोभ लालच है।

झारखंड, बृहद झारखंड में भी कुर्मी महतो को एसटी बनाने के पीछे झामुमो, टीएमसी और बीजेडी दोषी हैं। अतएव वोट बैंक के लोभ लालच की राजनीति पर रोक लगाने के लिए सेंगेल की मांग है अगले 30 साल तक कोई भी बड़ी और समृद्ध गैर आदिवासी जाति को एसटी बनाने पर अविलम्ब रोक लगाने की घोषणा केंद्र सरकार द्वारा की जाए।

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