ये शहबाज़ है,उम्र चार साल पलामू का रहने वाला है इलाज के लिए दर-दर भटक रहा था तभी मैक्सोफेशियल सर्जन डॉक्टर अनुज ने जाना और तुरंत इनका इलाज किया।

डॉ अनुज ने बताया कि इन चार सालों में से दो साल शहबाज़ ने अपने पिता का हाथ थामे अस्पतालों के चक्कर लगाते हुए बिताए हैं।
घर में इलाज और पैसों को लेकर होने वाली बातें उसकी समझ से परे थीं, लेकिन वो सब महसूस कर रहा था ।
और फिर, एक दिन उसने अपने पिता से मासूमियत में वो सवाल पूछ लिया, जो ईश्वर ना करे किसी भी पिता को सुनना पड़े ।
चार साल के शाहबाज़ ने अपने पिता से पूछा।

” पापा, अगर हमारे पास पैसे नहीं हैं, तो क्या मैं कभी ठीक नहीं होऊंगा “
उस सवाल का जवाब उस वक्त उसके पिता के पास नहीं था।
लेकिन आज शाहबाज के चेहरे पर मुस्कान है और उसके पिता की आँखों में संतोष।
आज शाहबाज़ ठीक हो कर घर जा रहा है ।