झारखंड में घर तक नहीं पहुंच रहा है पानी, इन जिलों में जल जीवन मिशन का काम, सेंटर से पैसे मांगा

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झारखंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट जल जीवन मिशन का हाल बेहाल है. दो माह से राज्य के आठ जिलों में हर घर नल जल योजना का काम पूरी तरफ से ठप हो गया है. केंद्र सरकार की ओर से चालू वित्तीय वर्ष में राशि रिलीज नहीं किये जाने की वजह से अन्य जिलों में भी इस योजना की रफ्तार थम गयी है. राज्य में हर माह नल से जल पहुंचाने का आंकड़ा घटता जा रहा है. केंद्रीय अंशदान का 6 हजार 324 करोड़ रुपये की मांग राज्य सरकार ने की है. पिछले दिनों इस मामले में वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल से मिलकर इस राशि की मांग रखी थी।



राज्य सरकार ने 12 हजार 937 करोड़ का दिया अंशदान

वित्त मंत्री ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि इस योजना में अब तक राज्य सरकार ने 12 हजार 937 करोड़ रुपये अपना अंशदान दिया है. वर्ष 2024 में राज्य सरकार को इस योजना में पैसे नहीं मिले हैं. केंद्र सरकार को इस योजना के लिए 12 हजार 257 करोड़ रुपये देने थे. केंद्रीय मंत्री पाटिल ने कहा कि वर्ष 2025 में राज्य सरकार को राशि उपलब्ध करा दी जायेगी. लेकिन राज्य सरकार भी योजना की उपयोगित प्रमाण पत्र दे. केंद्रीय मंत्री का कहना था कि इस योजना में कोई नया डीपीआर नहीं बनाया जाये. पुरानी योजना को प्राथमिकता को आधार पर पूरा करें. इधर, आंकड़े के अनुसार, इस वर्ष जनवरी में राज्य के सिर्फ 1,521 घरों तक ही नल से जल पहुंचाया जा सका. जनवरी व फरवरी में पाकुड़, साहिबगंज, धनबाद, दुमका, गढ़वा, गुमला, लातेहार व सिमडेगा में एक भी घर में नल से जल नहीं पहुंचाया जा सका है. राशि के अभाव में काॅन्ट्रैक्टरों ने काम रोक दिया है. पाकुड़ जिला में तो पिछले चार माह में सिर्फ एक घर में ही नल से जल पहुंचाया जा सका है. केंद्र सरकार ने वर्ष 2019 में जल जीवन मिशन की योजना शुरू की थी, जो दिसंबर 2024 में पूरी हुई है. इधर, केंद्र सरकार ने झारखंड समेत कई राज्यों में इस योजना को चार वर्ष का विस्तार दिया है. झारखंड में 62,55,717 घर हैं. पिछले पांच वर्ष में इसमें से सिर्फ 34,19,100 घरों में ही नल से जल पहुंचाया जा सका है. जल जीवन मिशन योजना का राष्ट्रीय औसत 79.79 प्रतिशत है, जबकि झारखंड में इसका औसत 54.66 प्रतिशत है. यह राष्ट्रीय औसत से लगभग 25 प्रतिशत कम है. आज भी राज्य के 45 प्रतिशत घर शुद्ध पेयजल पाने से वंचित हैं. चालू वित्तीय वर्ष में नल जल योजना की रफ्तार थम गयी है. पिछले 10 माह में सिर्फ 1,89,845 घरों में ही नल से जल पहुंचाया गया है.

2019 में शुरू हुई थी योजना, मिशन के तहत 97 हजार स्कीम बनी:-
15 अगस्त 2019 में जल जीवन मिशन के तहत केंद्र सरकार ने यह योजना लांच की थी. इस योजना में केंद्र और राज्य का अंशदान 50-50 प्रतिशत था. इस योजना के तहत झारखंड में 97500 स्कीम के तहत घर-घर में नल से जल पहुंचाना था. इस योजना पर 24 हजार छह सौ करोड़ खर्च होने का अनुमान था. इसमें केंद्र सरकार का 12 हजार 257 करोड़ और राज्य सरकार को 12 हजार 47 करोड़ देना था. राज्य सरकार ने अपने अंशदान का 5 हजार 794 करोड़ रुपये दे दिया हैं. वहीं केंद्र सरकार का 5 हजार 587 करोड़ रुपये खर्च हो चुका है.

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