बीते साल हुई JSSC CGL परीक्षा की अब तक हुई CID जांच में कई अहम और चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. CID की जांच में यह बात सामने आई है कि पेपर लीक के मास्टरमाइंड शशिभूषण दीक्षित और अन्य आरोपियों के पास से बरामद हुए मोबाइल में 28 अभ्यर्थियों की लिस्ट, उनके परीक्षा का क्रमांक (रोल नंबर), परीक्षा केंद्र और एजेंट का नाम लिखा हुआ पाया गया. आरोपियों के मोबाइल से जो सूची बरामद हुई है, उसमें से 10 अभ्यर्थी परीक्षा में सफल हुए हैं।

बैंक खातों से मिले लेन-देन के सबूत:-
सीआईडी ने इस केस में जिस कुंदन कुमार को गिरफ्तार किया है, उसकी पत्नी के आईसीआईसीआई बैंक के खाता संख्या 132501003642 और स्टेट बैंक के खाते में सीजीएल परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों से लेनदेन के साक्ष्य मिले हैं.
अभ्यर्थियों से सबसे ज्यादा वसूली शशिभूषण दीक्षित ने की है. सीआईडी के मुताबिक, शशिभूषण दीक्षित के यस बैंक के अकाउंट नंबर 0243520000122 और एक्सिस बैंक के खाता नंबर 922010031951920 में 8 लाख से ज्यादा की रकम ली गई है.
अभ्यर्थियों से सबसे ज्यादा वसूली शशिभूषण दीक्षित ने की है. सीआईडी के मुताबिक, शशिभूषण दीक्षित के यस बैंक के अकाउंट नंबर 0243520000122 और एक्सिस बैंक के खाता नंबर 922010031951920 में 8 लाख से ज्यादा की रकम ली गई है.
एक आरोपी मनोज कुमार ने UPI के जरिए ऋषभनाम के अभ्यर्थी से एक लाख रुपए लिया है.
सीआईडी की जांच में जो सबसे महत्वपूर्ण बात सामने आई है, वह ये है कि जो अभ्यर्थी, पेपर लीक केस के आरोपियों के संपर्क में थे, वह सफल हुए हैं और उनका 19 और 20 सितंबर 2024 का मोबाइल लोकेशन नेपाल सीमा पर पाया गया है
अभ्यर्थियों की मांग-सीबीआई करें जांच:-
दरअसल JSSC CGL परीक्षा में गड़बड़ी की दो शिकायतें रांची पुलिस ने दर्ज की थी, जिसे CID ने टेकओवर करते हुए कांड संख्या 1/2025 और 2/2025 दर्ज की है. इस केस में एजेंसी ने करीब एक दर्जन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. फिलहाल एजेंसी ने इस मामले में अपनी जांच जारी रखी है वहीं दूसरी तरफ परीक्षा के बाद पेपर लीक की खबरों से असंतुष्ट छात्रों के बड़े समूह ने हाईकोर्ट का रूख किया है और इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की है.