1 अगस्त से महंगी होगी रांची के वार्ड 17,18 और 19 की जमीनें 22 लाख रुपये प्रति डिसमिल होगी कीमत।

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राजधानी रांची के शहरी क्षेत्रों में 1अगस्त से जमीन और मकान की रजिस्ट्री महंगी हो जाएगी, इससे संबंधित प्रस्ताव पर DC की सहमति भी मिल गई है. जिले के शहरी इलाकों में निबंधन शुल्क में अधिकतम 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

इस वृद्धि का असर रांची नगर निगम के कुछ इलाकों के अलावा बुंडू नगर पंचायत और आरआरडीए क्षेत्राधिकार एवं सेंसस टाउन के इलाकों की भूमि के निबंधन पर भी पड़ेगा. रांची के वार्ड संख्या 17,18 और 19 में जमीन की सरकारी दर में सबसे ज्यादा वृद्धि हुई है।



उक्त तीनों वार्ड के अंतर्गत आने वाले डोरंडा, हीनू, कडरू, कोनका, लालपुर और मोरहाबादी के इलाकों में सरकारी भूमि की दर 18 लाख रुपये प्रति डिसमिल (आवासीय उपयोग) और 22 लाख रुपये प्रति डिसमिल (व्यवसायिक उपयोग) किए जाने का प्रस्ताव दिया गया था. जिसे मंजूर कर लिया गया है।

रांची में सेंशस टाउन इलाके में सरकारी कीमत में सबसे ज्यादा वृद्धि राजधानी के कांके, ओरमांझी और नामकुम क्षेत्र में होगी. रांची के कांके अंचल के अरसंडे इलाके में जमीन की सरकारी कीमत लगभग (आवासीय उपयोग के लिए) 10 लाख रूपये प्रति डिसमिल की दर को पार कर सकती है. वहीं अरसंडे में व्यवसाइक इस्तेमाल के लिए खरीदी गई भूमि की कीमत 12 लाख रूपए प्रति डिसमिल से ज्यादा तय किया गया है।

वहीं, कांके के डुमरदगा इलाके में जमीन की सरकारी कीमत लगभग (आवासीय उपयोग के लिए) 7.5 लाख रुपए से ज्यादा किए जाने का प्रस्ताव पारित किया गया है और व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए खरीदी गई भूमि की कीमत 9 लाख रूपए किए जाने का प्रस्ताव पारित किया गया है. बता दें कि भू-राजस्व एवं निबंधन विभाग के निर्देश पर हर वर्ष निबंधन शुल्क में वृद्धि का पुनरीक्षण होता है।


शहरी क्षेत्र और ग्रामीण क्षेत्रों में हर दो वर्ष में जमीन और मकान के रेट में वृद्धि की जाती है. वर्ष 2023 में अंतिम बार शहरी इलाकों की रैयती भूमि और मकान की कीमतों में 10% की वृद्धि की गई थी जो 1 अगस्त 2025 तक लागू रहेगी. सरकार के नियम के मुताबिक हर 2 वर्ष पर ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में जमीन की सरकारी दर बढ़ाई जाती है।

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