CM हेमन्त सोरेन सिमडेगा जिले के कोलेबिरा में आयोजित “आपकी योजना- आपकी सरकार -आपके द्वार” के तीसरे चरण कार्यक्रम में हुए शामिल। मौके पर उन्होंने सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से जुड़कर सशक्त और आत्मनिर्भर बन रहे लोगों के साथ सीधा संवाद किया।

उन्होंने कहा कि, झारखंड शुरू से ही वीरों की धरती रही है। भगवान बिरसा मुंडा, सिदो -कान्हू नीलांबर- पीतांबर, तेलंगा खड़िया जैसे कई अमर वीर शहीदों ने अंग्रेजों और शोषण के खिलाफ संघर्ष करते हुए अपनी शहादत दी। वहीं, अलग राज्य के लिए 40 वर्षों तक चले आंदोलन में सैकड़ो लोगों ने अपनी कुर्बानी दी। यहां के आदिवासी मूलवासी संघर्ष कर रहे हैं। हमारी सरकार इन वीर शहीदों का झारखंड बनने के साथ यहां के आदिवासियों- मूल वासियों, आदिवासी, दलित, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को पूरे मान-सम्मान के साथ उनका हक और अधिकार दे रही है।
साथ ही उन्होंने कहा कि, झारखंड राज्य बने 23 वर्ष हो चुके हैं। लेकिन, इसका अपेक्षित विकास नहीं हो सका। यहां तमाम खनिज पाए जाते हैं। प्राकृतिक संसाधनों की बहुलता है। जल- जंगल- जमीन से यह धनी है। यहां के लोग मेहनती हैं। फिर भी यह राज्य पिछड़ा है। रोजी-रोटी के लिए लोगों का पलायन होता आ रहा है। लेकिन, किसी का भी ध्यान इस ओर नहीं गया। जब से हमारी सरकार बनी है राज्य से जुड़ी प्रमुख समस्याओं का आकलन करते हुए उसी के अनुकूल योजना बनाकर धरातल पर उतार रहे हैं , ताकि राज्य के साथ राज्यवासियों का भी विकास तेज गति से हो।
बिना सामाजिक सुरक्षा के राज्य मजबूत नहीं होगा
CM ने कहा कि, जब तक सरकार अपने लोगों को सामाजिक सुरक्षा का कवच नहीं देगी राज्य मजबूती से आगे नहीं बढ़ेगा। इसी सोच को ध्यान में रखकर हमारी सरकार ने यूनिवर्सल पेंशन स्कीम लागू किया। इस स्कीम के तहत सभी बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगों का पेंशन सुनिश्चित किया जा रहा है। वहीं, सरकारी कर्मियों को भी पुरानी पेंशन योजना का तोहफा हमारी सरकार ने दिया। पेंशन को उनके बुढ़ापे की लाठी होती है।
राशन कार्डधारियों को दाल भी मिलेगा
उन्होंने कहा कि, यहां 11 लाख लोगों का राशन कार्ड पहले छीन लिया गया था। लेकिन, हमारी सरकार ने 20 लाख हरा राशनकार्ड जारी कर बाजार भाव से अनाज खरीद कर दिया जा रहा है । हर राशन कार्डधारी को अनाज के साथ एक किलो दाल भी दिया जाएगा।
तीन कमरों का सुसज्जित आवास देंगे
राज्य के गरीब और घर विहीन लोगों को तीन कमरों का सुसज्जित मकान दिया जाएगा। इसके लिए अबुआ आवास योजना शुरू की गई। इसके तहत अगले 3 सालों में 8 लाख मकान बनाए जाएंगे। गांव और शहरों के बीच निरंतर कनेक्टिविटी बनाए रखने के लिए मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना शुरू की गई है। सभी बुजुर्ग, दिव्यांग और विद्यार्थियों को इस योजना के तहत निःशुल्क बस परिवहन की सेवा मिलेगी।
आपके आगे बढ़ने का हर रास्ता खुल चुका
यहां के हर वर्ग और तबके के लोका आगे बढ़ने का रास्ता सरकार ने खोल दिया है। नौजवानों को सरकारी नौकरी के साथ निजी क्षेत्र में भी ऑफर लेटर बड़े पैमाने पर दिया जा रहा है। स्वरोजगार के इच्छुक युवाओं के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार सृजन योजना है। किसानों पशुपालकों और मजदूरों के लिए मुख्यमंत्री पशुधन योजना, बिरसा हरित ग्राम योजना और दीदी बाड़ी योजना जैसी कई योजनाएं है। सोना सोबरन धोती साड़ी योजना के तहत गरीबों को वर्ष में दो बार वस्त्र दिया जा रहा है। हड़िया-दारु बेचने वाली महिलाओं को सम्मानजनक आजीविका से जोड़ने के लिए फूलो- झानो आशीर्वाद योजना चल रही है। बच्चियों की पढ़ाई के लिए सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना है। मरांग गोमके पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना के तहत विदेश में पढ़ने के लिए आदिवासी, दलित, अल्पसंख्यक और पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों को शत-प्रतिशत स्कॉलरशिप दी जा रही है। प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी से लेकर मेडिकल इंजीनियरिंग और लॉ जैसे कोर्सेज करने के लिए सरकार आर्थिक मदद कर रही है। ऐसी और अनेकों योजनाएं हैं , जिनके माध्यम से यहां के आदिवासी, दलित अल्पसंख्यक, पिछड़े, किसानों, मजदूरों, महिलाओं और नौजवानों को सशक्त करने का काम हो रहा है।
जनता की सेवा करने के लिए सरकारी कर्मियों को मिलती है तनख्वाह
सरकारी कर्मियों का काम जनता की सेवा करना है। इसी के लिए उन्हें तनख्वाह मिलती है । ऐसे में अधिकारी और कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी पूरी ईमानदारी व निष्ठा से निभाएं। जो अच्छा काम करेंगे उन्हें सरकार पुरस्कृत करेगी । इसके साथ उनकी जायज मांगों और समस्याओं पर सरकार हमेशा सकारात्मक निर्णय लेते आई है और आगे भी ऐसा ही करेगी।
आदिम जनजाति परिवारों के बच्चे भी बनेंगे अधिकारी
अगर हम समय रहते नहीं चेते तो आदिम जनजाति विलुप्ति के कगार पर पहुंच जाएगी। हमारी सरकार आदिम जनजातियों को सशक्त करने की दिशा में लगाकर प्रयास कर रही है। आदिम जनजाति के विद्यार्थियों को प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग कराई जा रही है । मुझे विश्वास है कि ये बच्चे अपनी मेहनत से अपना मुकाम हासिल करेंगे और कलेक्टर तथा अन्य बड़े अधिकारी बनकर अपने परिवार और जनजाति का नाम रोशन करेंगे।
कई अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी यहां से निकले है सिमडेगा- खूंटी का इलाका हॉकी के लिए जाना जाता है। यहां के घर-घर में हॉकी की दीवानगी देखने को मिलती है। इसी का परिणाम है कि यहां से कई अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी निकले हैं, जो अपने परिवार, राज्य और देश का नाम रोशन कर रहे हैं। ऐसे में हॉकी को बढ़ावा देने के लिए यहां कई स्टेडियम बनाए जा रहे हैं । एशियन हॉकी चैंपियनशिप की मेजबानी झारखंड ने शानदार और भव्य तरीके से की, जिसे पूरी दुनिया ने देखा।
800 योजनाओं की रखी गई नींव, 653 योजनाओं का हुआ उद्घाटन
20 करोड़ 99 लाख 65 हज़ार 111 रुपए की लागत से निर्मित 653 योजनाओं का उद्घाटन किया गया। वहीं, 800 योजनाओं की आधारशिला रखी। इन योजनाओं पर कुल 134 करोड़ 78 लाख 54 हज़ार 339 रुपए ख़र्च होंगें। इस तरह 155 करोड़ 78 लाख 19 हज़ार 440 रुपए की 1453 योजनाओं का तोहफा सिमडेगा वासियों को मिला। मुख्यमंत्री ने विभिन्न योजनाओं के 40321 लाभुकों के बीच 31 करोड़ 17 लाख 62 हज़ार 385 रुपए की परिसंपत्ति प्रदान कर स्वावलंबी बनने का राह प्रशस्त किया।