जब गांव मजबूत होगा तो हमारा राज्य भी मजबूत बनेगा; हेमंत सोरेन

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CM हेमन्त सोरेन गढ़वा जिले के मेराल प्रखंड में ” आपकी योजना -आपकी सरकार – आपके द्वार” के तीसरे चरण के कार्यक्रम में पहुंचे। उन्होंने कहा कि, इस योजना के तहत सभी पंचायतों में शिविर लगाए जा रहे हैं। मैं सभी शिविरों में तो नहीं जा सकता हूं, लेकिन कुछ शिविरों में शामिल हो रहा हूं। इन शिविरों में पहुंच कर मैं यह देखने का प्रयास कर रहा हूं कि सरकार ने आपके लिए जो योजनाएं बनाई है, उसका लाभ वास्तव में आपको मिल रहा है या नहीं। उन्होंने आगे कहा कि, राज्य में कई योजनाएं चल रही हैं और हर योजना अपने आप में खास है। ग्रामीण और शहरी पृष्ठभूमि में रहने वालों के लिए अलग-अलग योजनाएं हैं। राज्य की 80 प्रतिशत जनता गांवों में रहती है । ऐसे में किसानों, मजदूरों, आदिवासियों, दलितों और अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए कई योजनाएं चलायी जा रही है। इन योजनाओं का मकसद ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है। जब गांव मजबूत होगा तो हमारा राज्य भी मजबूत बनेगा, इसी सोच के साथ हमारी सरकार काम कर रही है।

युवावस्था में कदम रख चुका झारखंड, इसे अव्वल राज्य बनाना है

इस राज्य के बने 23 वर्ष हो चुके हैं, लेकिन पिछले दो दशकों के दौरान यह राज्य हमेशा विकास को लेकर हाशिये पर रहा। राज्य कैसे आगे बढ़े, इसकी चिंता किसी ने नहीं की। लेकिन, हमारी सरकार झारखंड के नवनिर्माण के लिए पूरी ताकत के साथ काम कर रही है। योजनाएं धरातल पर कैसे उतरे, इसके लिए हम बेहतर कार्य योजना बनाकर आगे बढ़ रहे हैं।

बुढ़ापे की लाठी है पेंशन

सरकार हर किसी को सामाजिक सुरक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी बात को ध्यान में रखकर हमारी सरकार ने यूनिवर्सल पेंशन स्कीम लागू किया है। अब सभी बुजुर्ग , विधवा और दिव्यांग को पेंशन मिल रहा है। 5 वर्ष के दिव्यांग बच्चों को भी पेंशन दे रहे हैं।

बच्चों को पढ़ाई के लिए पैसे की चिंता नहीं करनी होगी

राज्य के बच्चों को पढ़ाई के लिए पैसे की चिंता नहीं करनी होगी। गरीब बच्चों को भी अच्छी और बेहतर शिक्षा देने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। बच्चियों के लिए किशोरी बाई सावित्री फूले योजना है। बच्चों को परीक्षाओं की तैयारियों से लेकर विभिन्न कोर्सेस को करने के लिए आर्थिक सहायता दे रही है। गुरुजी क्रेडिट कार्ड योजना के तहत 15 लाख रुपए तक का शिक्षा ऋण दिया जा रहा है।

नौकरी भी दे रहे और स्वरोजगार के लिए आर्थिक सहायता भी

सरकारी नौकरियों के साथ निजी क्षेत्र में भी बड़े पैमाने पर युवाओं को नियुक्ति पत्र दे रहे हैं। वहीं, जो स्वरोजगार करना चाहते हैं, उनके लिए मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना है। आप इस योजना के लिए आवेदन दें। आपको व्यवसाय के लिए सरकार की ओर से आर्थिक मदद की जाएगी। मेरा आपसे कहना है कि आप दूसरों के लिए मजदूरी नहीं करें, बल्कि अपना काम करें और दूसरों को भी रोजगार दें।

एक व्यक्ति को नहीं बल्कि हर व्यक्ति को पेड़ लगाने का मिले जिम्मा

मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने पहले ही निर्देश दिया था कि ” आपकी योजना- आपकी सरकार- आपके द्वार” कार्यक्रमों में आने वाले हर लाभुक को एक फलदार पौधा दिया जाए। आज मुझे बहुत खुशी है कि यहां आयोजित शिविर में लोगों के बीच लगभग 5000 फलदार पौधे वितरित किये गए। पौधा लगाने की जिम्मेवारी किसी एक व्यक्ति को नहीं दी जाए, बल्कि हर किसी को यह जिम्मा मिलना चाहिए। हम जितना ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएंगे, वह पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से तो अच्छा होगा ही, साथ मे आपकी आमदनी का एक बेहतर जरिया भी बनेगा।

बूढ़ा पहाड़ में विकास की लंबी लकीर खीची जा रही

गढ़वा का बूढ़ा पहाड़ इलाका कभी आतंक और दहशत का पर्याय था। उग्रवादियों ने पूरे इलाके को अपने कब्जे में कर रखा था। यहां लोग भय के साए में जीते थे। लेकिन, हमारी सरकार के प्रयासों से यह इलाका उग्रवाद मुक्त हो चुका है। मैं स्वयं बूढ़ा पहाड़ पहुंचकर लोगों के साथ मिल बैठ कर उनके दुःख-दर्द और परेशानियां को साझा किया।

किसानों को खेती की बताई जा रही नई तकनीक

हमारी सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए हर संभव कदम उठा रही है । किसान पाठशाला खोले जा रहे हैं। यहां किसानों को खेती की नवीनतम तकनीकों की जानकारी दी जा रही है। वहीं, 20 लाख अतिरिक्त हरा राशन कार्ड जारी कर गरीबों और जरूरतमंदों को अनाज दिया जा रहा है। उपभोक्ताओं को 100 यूनिट बिजली फ्री दी जा रही है। इसके अलावा भी कई ऐसी योजनाएं हैं जिनके माध्यम से ग्रामीणों को मजबूत और सशक्त बना रहे हैं।

वहीं CM ने 99 करोड़ 96 लाख 89 हज़ार रुपए की लागत से निर्मित 1146 योजनाओं का उद्घाटन किया। 109 योजनाओं की आधारशिला रखी । इन योजनाओं पर कुल 111 करोड़ 39 लाख 73 हज़ार 562 रुपए ख़र्च होंगें। इस तरह 211 करोड़ 36 लाख 62 हज़ार 562 रुपए की लागत वाली 1255 योजनाओं का तोहफा गढ़वा वासियों को मिला। CM ने विभिन्न योजनाओं के लाभुकों के बीच 7 करोड़ 49 लाख 63 हज़ार 745 रुपए की परिसंपत्ति प्रदान कर उनके सशक्तिकरण और स्वावलंबी बनने का राह प्रशस्त किया।

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