मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन कोडरमा में “आपकी योजना- आपकी सरकार- आपके द्वार ” के तीसरे चरण के तहत आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि, हमारी नीति और नीयत एक है। हम जो जनता से वादा करते हैं उससे कहीं ज्यादा बढ़कर उसे निभाते हैं।
शिविरों के माध्यम से जनता की समस्याओं और तकलीफों की वास्तविकता का चल रहा पता–
मुख्यमंत्री ने कहा कि “आपकी योजना -आपकी सरकार- आपके द्वार” कार्यक्रम के तहत लग रहे शिविरों से दूर -दराज के इलाकों में रहने वाले गरीबों की समस्याओं और उनकी तकलीफों की वास्तविकता सामने आयी।शिविरों में प्राप्त हुए आवेदन के आधार पर सूचीबद्ध तरीके से,जनता की समस्याओं की प्राथमिकता तय कर नीति और कार्य योजना तैयार की और लोगों की समस्याओं के समाधान का कार्य किया।

झारखंड अलग राज्य गठन के 23 वर्ष हो चुके हैं । यह राज्य युवावस्था में प्रवेश कर चुका है। लेकिन, पिछले दो दशकों के दौरान तमाम संसाधनों से धनी होने के बाद भी इस राज्य को मजबूत करने के प्रति किसी प्रकार की गंभीरता देखने को नहीं मिली। जिसकी वजह से राज्य लगातार पिछड़ता चला गया। हमारी सरकार ने लक्ष्य रखा है कि वर्ष 2025 तक झारखंड के साथ लगे पिछड़ेपन के टैग को समाप्त करेंगे और विकास की एक लंबी लकीर खीचेंगे। इस राज्य को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हमारी सरकार पूरी ताकत के साथ काम कर रही है।

हड़िया-दारू बेचने वाली महिलाओं को सम्मानजनक आजीविका से जोड़ रहे –
फूलो- झानो आशीर्वाद योजना के माध्यम से हड़िया -दारू बेचनेवाली महिलाओं को सम्मानजनक आजीविका से जोड़ा जा रहा है। पहले इस कार्य के लिए, सरकार द्वारा महिलाओं को आर्थिक सहायता के रूप में 10 हज़ार रुपए दिए जाते थे, जिसे अब बढ़ाकर 50 हज़ार रुपए करने का निर्णय सरकार ने लिया है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती पर खास फोकस–
झारखंड तभी सशक्त होगा जब हमारा गांव मजबूत होगा । इसी बात को ध्यान में रखकर हमारी सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के ख्याल से योजनाएं बना रही हैं। किसान- मजदूर व गांव में रहने वाले लोगों का सर्वांगीण विकास हमारी सरकार की प्रतिबद्धता है। नीलांबर-पीतांबर जल समृद्धि योजना, बिरसा हरित ग्राम योजना, दीदी बाड़ी योजना और मुख्यमंत्री पशुधन योजना जैसी कई योजनाओं इसी बात को ध्यान में रखकर चलाई जा रही हैं। साथ ही उन्होंने कई बातें कही, जैसे कि, स्वरोजगार करने के लिए इच्छुक हैं तो पूंजी की कमी नहीं होने देंगे, बिजली के लिए डीवीसी पर नहीं होगी अब निर्भरता,जल- जंगल- जमीन हमारी पहचान है,अपने बलबूते 8 लाख लोगों को देंगे आवास, हर वर्ष एक करोड़ ग्रामीण जनता निःशुल्क बस सेवा का लेंगे लाभ आदि।