रांची: झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के प्रतिनिधि ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मुख्यसचिव,गृह सचिव के नाम झारखंड आंदोलनकारियों के मान-सम्मान, पहचान नियोजन एवं सम्मान राशि की मांग को लेकर 16- 17 दिसंबर को आर्थिक नाकेबंदी कार्यक्रम से अवगत कराया। वहीं इस संदर्भ में पुष्कर महतो ने कहा कि, वर्षों लंबे संघर्ष और शहादत के बाद झारखंड अलग राज्य 15 नवंबर 2000 को भारत के मानचित्र में उदयमान हुआ। राज्य गठन के पश्चात लगातार झारखंड अलग राज्य के आंदोलनकारी उपेक्षा का शिकार हो रहे है। झारखंड आंदोलनकारियों को राजकीय मान- सम्मान, पहचान नहीं मिलने के कारण आक्रोश है। जिसके कारण 16- 17 दिसंबर को झारखंड अलग राज्य के आंदोलनकारी अपनी मांगों को लेकर आर्थिक नाकेबंदी पूरे राज्य में करने का आह्वान किया गया है। यह आर्थिक नाकेबंदी किसी के विरोध में नहीं बल्कि झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के आंदोलनकारियों की मांग,शासन और प्रशासन का ध्यान आकृष्ट करने के लिए है।

वहीं क्षैतिज आरक्षण अक्षरश: लागू हो तथा
राज्य में समता जजमेंट लागू किया जाये। रॉयल्टी का 26% अधिकार झारखंड के आदिवासियों एवं झारखंडियों को दिया जाएं।