बोड़ेया पंचायत के मुखिया सोमा उरांव के आवासीय कार्यालय में पहान सम्मान समारोह एवं समाज के अगुवा गणों का सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस सम्मान समारोह में काँके क्षेत्र के कई मौजा के पाहन एवं समाज के अगुवा गण शामिल हुए, सबों के मुखिया के द्वारा अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया एवं वर्तमान में समाज की आर्थिक सामाजिक भौतिक एवं राजनीतिक विषयों पर चर्चा की गई।

दुबलिया मौजा के विमल पहान को जनजाति सुरक्षा मंच भारत का मुख्य पहान पुजार नियुक्त किया गया आपसे जनजाति सुरक्षा मंच के तत्व द्वारा में गरीब गुरुओं का शादी विवाह , घर वापसी तथा अन्य पूजा पाठ विमल पहान के द्वारा किया जाएगा। विमल पहान ने कहा कि आदिवासी समाज में बलि प्रथा का प्रचलन है बीना बलि दिए कोई भी शुभ कार्य शुरू नहीं किया जाता है बलि देकर ही कोई शुभ कार्य शुरू किया जाता है। चर्च पोषित संगठनों के द्वारा प्रार्थना सभा एवं धर्मगुरु एवं धर्म बहन के द्वारा जनजातियों की रूढ़ि प्रथा को समाप्त करने का षड्यंत्र एवं समाज में पहान महतो, कोटवार, पईनभोरा का अस्तित्व खत्म किया जा रहा है, आने वाले दिनों में यदि पहान एवं उसके साथी टीम सजक नहीं होते हैं तो कुछ ही वर्षों में पहान एवं उसकी टीम को खत्म होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा इसीलिए पान एवं उसकी टीम को जागरूक होना होगा और प्रार्थना सभा को रोकना होगा। जनजातियों की कई सामाजिक कार्यों का निर्वहन धर्मगुरु एवं धर्म बहन के द्वारा किया जा रहा है जो बिल्कुल ही गलत है।
महाराजा मदर मुंडा सेवा संस्थान न्यास ट्रस्ट के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ प्रदीप मुंडा ने बताया कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी चैत पूर्णिमा के दिन महाराजा मुंडा के 44 धार्मिक स्थलों एवं मुड़हर पहाड़ में आदिकाल से स्थापित देवी देवताओं का रूढ़ि प्रथा विधि से प्रदीप पहान के नेतृत्व में धूमधाम से बकरा, मुर्गा एवं भेड़ा का बली देकर धूमधाम से पूजा की जाएगी तत्पश्चात ग्रामीणों में प्रसाद का भी वितरण किया जाएगा। यहां पर कुछ महाराजा मदरा मुंडा के नाम से बाहर से आकर कर प्रार्थना विनती कर रीति रिवाज के स्थान पर कुरिति पैदा कर रहे हैं, इसे हर हाल में रोकना होगा।
महाराज मदरा मुंडा मुड़हर पहाड़ मरंगबुरू विकास समिति के अध्यक्ष महेश्वर पहान के नेतृत्व में शीघ्र ही एक प्रतिनिधिमंडल माननीय मुख्यमंत्री से मिलकर एक ज्ञापन देंगे जिसमें मरंग गुरू को गोद लेने और पर्यटन स्थल के रूप में सौंदर्य करण करने हेतु आगरा किया जाएगा साथ ही साथ ऐतिहासिक 44 धार्मिक स्थलों का सौंदर्य करण करने हेतु आवेदन दिया जाएगा तथा महाराजा मदरा मुंडा जमीनों का सीमांकन हेतु आवेदन अपर समाहर्ता रांची, उप समाहर्ता रांची एवं अंचल पदाधिकारी कांके को सीमांकन हेतु आवेदन दिया जाएगा।

जनजाति सुरक्षा मंच के मीडिया प्रभारी सोमा उराँव ने कहा कि आने वाले चार अप्रैल 2024 को रायपुर में जनजाति सुरक्षा मंच का भारत देश के कोने-कोने से कार्यकर्ताओं का बड़ा बैठक होने जा रहा है जिसमें डीलिस्टिंग को लेकर दिल्ली चलो 500000 की संख्या में कार्यक्रम की तिथि तय होगी जिसमें दिल्ली में धरना एवं संसद घेराव कार्यक्रम होगा और कार्यक्रम तब तक चलेगा जब तक डीलिस्टिंग का कानून न बन जाए या कानून में संशोधन हो। डीलिस्टिंग यानी जो जनजाति अपनी रूढ़ि प्रथा छोड़कर ईसाई या इस्लाम धर्म अपना लिए है वैसे लोगों को अनुसूचित जनजाति की सूची से बाहर करना ही डीलिस्टिंग है अर्थात जनजाति का आरक्षण का लाभ धर्मांतरित इसी को मिलना बंद हो यही डीलिस्टिंग है। बताते चले की 75 वर्षों से धर्मांतरित ईसाई जनजाति का आरक्षण का लाभ ले रहे हैं जबकि धर्मांतरित ईसाई भारत सरकार का आरक्षण का रोस्टर एवं झारखंड सरकार का आरक्षण का रोस्टर दोनों में पिछड़ी जाति में आते हैं और जनजाति का आरक्षण का लाभ ले रहे हैं इस जनजाति सुरक्षा मंच बंद कर कर ही दम लेंगे।
जय मंगल उरांव ने होली, फगुआ, सरहुल, ईद एवं रामनवमी के पर्वों के विषय में विस्तार से जानकारी दी।
कार्यक्रम में जनजाति सुरक्षा मंच के संयोजक संदीप उराँव, पहलवान मुंडा, विश्वकर्मा पहान , राम लखन मुंडा, बालेश्वर पहान, प्रदीप पहान, राजेंद्र पहान, फूलचंद पहान, सुकरा पहान, सनी उरांव, विकास उरांव, हिंदूवा उराव, देवीय उराव, सुरेंद्र मुंडा, रघु मुंडा, प्रेम कुमार, कैलाश मंडा व अन्य उपस्थित थे।
