मामला गोड्डा जिला के ठाकुरगंगती प्रखंड के मदन चौकी गांव की है। जहां संतोष महतो की 13 वर्षीय पुत्री दर्शना कुमारी अपने छत पर बारिश में स्नान कर रही थी। इसी क्रम में उनका पैर फिसला और दूसरे के छत पर गर गई, जिनसे छत में लगे पिलर 13 वर्षीय दर्शना कुमारी के पेट में धंस गया, और वह गंभीर रूप से घायल हो गई। जिसे उपचार हेतु उन्हें सदर अस्पताल गोड्डा लाया गया। प्राथमिक उपचार होने के बाद घायल मरीज को रिम्स रांची रेफर किया गया था। लेकिन सही समय पर एम्बुलेंस की सुविधा उपलब्ध नहीं होने की वजह से निजी गाड़ी पर रांची ले जाया जा रहा था। इसी क्रम में वाहन में ऑक्सीजन की सुविधा उपलब्ध नहीं थी। जहां ऑक्सीजन के अभाव में 13 वर्षीय घायल मरीज दर्शना कुमारी की रांची जाने के क्रम में जामताड़ा के आसपास उनकी मृत्यु हो गई।

वही मृतक के पिता संतोष महतो ने अस्पताल प्रबंधक व प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि 108 पर कॉल लगते रहे परंतु एम्बुलेंस की सुविधा नहीं हो पाई। अगर सदर अस्पताल गोड्डा के द्वारा सही समय पर एम्बुलेंस की सुविधा करा दी जाती तो सही समय पर रांची पहुंच जाती। वही उन्होंने लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। वही परिजन ने सरकार से गुहार लगाते हुए कहा कि सदर अस्पताल गोड्डा की स्वास्थ्य व्यवस्था को ठीक किया जाय। और जो उचित मुआवजा हो वो मुवैया कराए। हाल ही में गोड्डा के सदर अस्पताल में मृतक के परिजनों द्वारा तोड़ फोड़ भी किया गया था। वजह सही समय पर इलाज न मिल पाना बताई जा रही है।
एक तरफ मरीज एम्बुलेंस के लिए तड़प रहे है तो दूसरी तरफ राज्य के कई जिलों में एम्बुलेंस रखा हुआ सड़ रही है। जिनपर स्वस्थ विभाग द्वारा किसी भी प्रकार का कोई करवाई नहीं की जा रही है। अगर सभी एम्बुलेंस सुचारू रूप से शुरू होती तो मरीज की जान बच जाती और अस्पताल में हो हंगामा भी नहीं होता
अब सवाल झारखंड के स्वस्थ व्यवस्था पर उठती है, जहां एक तरफ स्वस्थ मंत्री इरफान अंसारी लगातार राज्य के कई अस्पताल का निरीक्षण कर रहे है और निरीक्षण के बावजूद भी अस्पताल की स्थिति बद से बत्तर है।