जनजाति सुरक्षा मंच के बैनर तले छत्तीसग़़ढ , जशपुर और झारखंड प्रान्त के कार्यकर्ताओं का संयुक्त बैठक छत्तीसगढ़ के जशपुर स्थित राष्ट्रीय संयोजक गणेश राम भगत के आवासीय कार्यालय में आयोजित हुई जिसमें जनजाति सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक गणेश राम भगत ने कहा कि जनजाति सुरक्षा मंच द्वारा चलाए जा रहे डीलिस्टिंग अभियान पूरे भारत देश में वृहद आंदोलन का रूप ले चुका है , छत्तीसगढ़ उड़ीसा झारखंड धर्मांतरण की चपेट में आ रहे है।यह एक गंभीर चिंता है सभी राज्यों के सामाजिक कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर आने वाले समय में एक नए संघर्ष की ओर आगे बढना है , डीलिस्टिंग का मांग मूल आदिवासी जनजातियों का मौलिक अधिकार है , सरकार से मांग है भारतीय संविधान के अनुच्छेद 342 में संशोधन करके धर्मांतरित हो चुके लोगों का एसटी के नाम पर मिलने वाला आरक्षण अविलंब बंद करें , जनजाति सुरक्षा मंच दिल्ली जाने की तैयारी कर रहा है , देश के सभी सांसदों का होगा घेराव , सभी राज्यों में होगा जन आंदोलन ,वहीं जनजाति सुरक्षा मंच के क्षेत्रीय संयोजक संदीप उरांव ने कहा कि जनजाति समाज में बहुत सारे समस्याएं हैं जिसमें प्रमुख समस्या धर्मांतरण हैं , धर्मांतरण के कारण जनजाति समाज का अस्तित्व अस्मिता और उनकी पहचान खतरे में है , इसी संदर्भ के कारण जनजाति सुरक्षा मंच डीलिस्टिंग की मुहिम को पूरे देश भर में आंदोलन खड़ा किया है आने वाला भविष्य में इस आंदोलन को और धारदार किया जाएगा ।

आगामी योजना के तहत छत्तीसगढ़ झारखंड और उड़ीसा के संयुक्त कार्यकर्ताओं की बैठक की जायेगी इस मौके पर रोशन प्रताप सिंह , पिंकी खोया , सन्नी उरांव , हिंदूवा उरांव, जगरन्नाथ भगत, करुणा भगत मनोज भगत ,हरि नागवंशी , अनिता भगत ,सतंम राम भगत ,शुशीला भगत अनिल कुमार भगत , सरस्वती देवी संतोषी भगत ,रामू महाराज, भोला गुरू जी अग्नेश्वरी भगत सहित बड़ी संख्या में जनजाति सुरक्षा मंच के महिला पुरुष कार्यकर्ता मौजूद रहे।
