सहायक पुलिस फिर से करेंगे आंदोलन नहीं हुई मांगे पूरी

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हेमंत सरकार द्वारा सहायक पुलिस को किए गए वायदे पूरे नहीं होने पर फिर से अब एक बार आंदोलन करने को सड़कों पर नजर आ सकते हैं झारखंड सहायक पुलिस के कर्मचारी बता दें जैसा कि आप सभी जानते हैं कि पूर्व में भी सहायक पुलिस अपनी माँग को लेकर विगत दो बार आंदोलन किया था।

सहायक पुलिस विवेकानंद ने बताया सरकार हमारी समस्या समझते हुए भी 10 हजार रुपये मे एक पुलिस के नौकरी कर रहे हैं, हमे कितना पीड़ा हो रहा है सरकार ये भी जानती है। इसके बावजूद हमारी समस्याओं के निराकरण के दिशा में सरकार कोई पहल नहीं कर रही।

वही अविनाश ने बताया की केवल और केवल एक ही कारण नजर आता है कि हम राजनीतिकरण के शिकार हो गए। चूंकि पूर्व की सरकार बहाल की थी, पूर्वर्ति सरकार ने हमारे बारे में यहाँ आदिवासी, मूलवासी, नौजवान युवक युवतियों के लिए ऐसा नियम बनाया कि अंग्रेज भी कभी ऐसा नियम भारतवासियों के लिए नहीं बनाया था।

सरकार हम भोले भाले आदिवासी को क्या जाने वे तो दस हजार रुपये में हम नक्सलियो को soft arrest किया है…और भला वर्तमान सरकार कैसे उस काला कानून को परिवर्तन कर सकती है! पिछले 6 वर्षो में झारखंड में बहुत नियम बदलाव हुआ, बहुत कर्मचारी नियमित हुए, बहुत को वेतन बढ़ोतरी हुई, लेकिन सहायक पुलिस को पिछले 6 साल में दस हजार रुपये मे एक रुपये रुपये की बढ़ोतरी नहीं हुई। चूंकि वर्तमान सरकार को भी मालूम है न की इन नक्सलियों के साथ कैसा व्यवहार करना है।


सहायक पुलिस राजधानी रांची पहुंचे और प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया ‌तमाम प्रकार के अफ़्तर – दफ़्तर, नेता विधायक, मंत्री के आवास के दरवाजा खटखटाया यहाँ तक माननीय मुख्यमंत्री से भी पिछले साल बोले की अगले साल आपके नौकरी का अनुबंध बढ़ाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, हम स्थाई निदान करेंगे लेकिन स्थायी निदान की कोई उम्मीद दिख नहीं रही है। जिस कारण हम सभी में असंतोष की भावना व्याप्त है, इधर दिनांक 09.08.2023 को हमारी अनुबंध भी समाप्त हो रही है। इस हालत में सरकार यदि एक सप्ताह के अंदर हमारी मांगे पूरी नही करती है तो हम सभी आंदोलन के लिए बाध्य हैं।

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