प्रथम आकलन परीक्षा में 5 अंकों से (34.67% ,39.33% सहित अनुतीर्ण सहायक अध्यापक ।

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केस से जुड़े आकलन अनुतीर्ण सभी सहायक अध्यापकों को होगा लाभ


हाई कोर्ट में हुई सुनवाई , 4 सप्ताह में JAC को हाई कोर्ट में देना होगा कमिटी का रिपोर्ट


जैक अध्यक्ष एवं सचिव के साथ विभागीय सचिव , JEPC निदेशक सभी को बनाया गया है पार्टी


झारखण्ड राज्य प्रशिक्षित संघ की ओर से किया गया था याचिका दायर, संघ के प्रधान सचिव सुमन कुमार आज सुनवाई वक्त कोर्ट रूम में रहे मौजूद




प्रथम आकलन परीक्षा में 5 प्रश्न के गलत उत्तर के अंक देने के लिए झारखण्ड राज्य प्रशिक्षित किया सहायक अध्यापक संघ के द्वारा काफी मेहनत किया गया था . संघ के आपत्ति के बाद JAC द्वारा प्रशिक्षित संघ को पत्र देकर सही उत्तर के लिए साक्ष्य एवं पुस्तक प्रस्तुत करने का पत्र दिया गया था. वर्ग 8–12 तक की कुल 12 पुस्तक( CBSE, ICSC, NCERT) के साथ कुल 60 पेज का साक्ष्य / नोट्स को बनाकर मैंने दिया था. इसके बाद JAC द्वारा विषय विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था।


22 अप्रैल 2024 को जैक सभागार में JAC अध्यक्ष अनिल कुमार महतो अन्य अधिकारी की उपस्थिति में JCERT के द्वारा प्रतिनियुक्त कुल 19 विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की बनाई गई कमिटी की बैठक हुई जिसमें प्रशिक्षित संगठन को सभी सही उत्तर के लिए प्रेजेंटेशन देने के लिए मौखिक रूप से आमंत्रित किया गया था.

झारखंड राज्य प्रशिक्षित सहायक अध्यापक के तरफ से हम तीनों( सिद्दीक जी, सुमन जी , मैने) प्रस्तुत होकर — JAC अधिकारी के समक्ष प्रतिनियुक्ति विषय विशेषज्ञ को करीब 2 घंटे में सभी 5 प्रश्न के गलत और सही उत्तर पर संतुष्ट किया था. 7200 रुपये में सभी किताब की खरीद मैंने की थी, एक प्रश्न के लिए करीब 15 पेज का नोट्स मैंने बनाया था.
कुल मिलाकर कहा जाए तो झारखंड के करीब 5000 आकलन अनुतीर्ण सहायक अध्यापकों के लिए झारखंड राज्य प्रशिक्षित सहायक अध्यापक संघ ने काफी मेहनत ईमानदारी के साथ किया था

कमिटी की रिपोर्ट आने ही वाली थी इसी बीच कुछ अति स्वार्थ में लिप्त सहायक अध्यापकों के द्वारा सिर्फ एक विषय ( खोरठा) के 1 प्रश्न पर हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी गई जिसके कारण JAC को यह बहाना मिल गया कि मामला कोर्ट में है , कोर्ट के आदेश के बाद ही कमिटी की रिपोर्ट कोर्ट ने प्रस्तुत की जाएगी और इसे सार्वजनिक किया जाएगा . जिन सहायक अध्यापकों के द्वारा कोर्ट में याचिका दायर की गई थी उनके पास पर्याप्त साक्ष्य / आधार / तर्क नहीं थे एवं खासकर कमजोर / सस्ते वकील के कारण कोर्ट में याचिका खारिज किया गया

(कोर्ट ने उस सही उत्तर के लिए एनसीईआरटी पुस्तक की मांग की . वकील के द्वारा एनसीईआरटी का पुस्तक प्रस्तुत नहीं किया गया)

खैर, झारखंड राज्य प्रशिक्षित सहायक अध्यापक संघ के द्वारा दायर याचिका पर आज 13 जनवरी 2025 को सुनवाई हुई, संघ के प्रधान सचिव सुमन जी आज कोर्ट no 6 में मौजूद थे . संघ की ओर से झारखंड हाई कोर्ट के पूर्व महाधिवक्ता श्री अजीत कुमार सिंह ने जोरदार तरीके से बहस की . जैक की तरफ से एक महिला अधिवक्ता ने पैरवी की थी।

श्री अजीत सिंह के द्वारा कोर्ट को सारी बातें विस्तार से जानकारी दी गई –किस तरह से आज तक कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं किया गया है , जबकि जैक ने इस मामले में कमेटी का गठन किया था. जिसके कारण इस केस से जुड़े हुए सहायक अध्यापकों को 10% मानदेय बढ़ोतरी का लाभ नहीं मिल पाया है बहस पूरी होने के बाद माननीय न्यायाधीश ने चार सप्ताह में गठित कमेटी की रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है

इस केस से जुड़े तमाम सहायक अध्यापकों को लाभ मिलेगा जैक अध्यक्ष की हठधर्मिता / मनमानी पर लगाम लगेगी एवं झारखंड राज्य प्रशिक्षित सहायक अध्यापक संघ का बैनर और ज्यादा मजबूत होगा

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