झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के महासचिव विनोद पांडेय ने भाजपा के ‘नाम परिवर्तन घोटाले’ वाले आरोपों को पूरी तरह निराधार और सस्ती लोकप्रियता बटोरने की कोशिश बताया है। पांडेय ने कहा कि भाजपा को यह समझना चाहिए कि हेमंत सोरेन सरकार हर विभाग में पारदर्शिता के लिए तकनीकी उन्नति कर रही है। सरकार गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं रहने दे रही है। कहीं इस वजह से ही भाजपा के व्यापारी नेताओं में बेचैनी तो नहीं बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि भाजपा का यह कहना कि रजिस्टर गायब कर दिए गए हैं, पूरी तरह भ्रामक है।

पांडेय ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह झारखंड में साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण करने के लिए हर मुद्दे को धर्मांतरण से जोड़ रही है। “यह वही भाजपा है जिसने अपने शासनकाल में कई विभागों में घोटाले होने पर भी किसी प्रकार की सीबीआई जांच की अनुशंसा नहीं की थी। अब जब राज्य में आदिवासी, दलित और पिछड़े वर्गों की सरकार गरीबों के लिए काम कर रही है तो भाजपा को यह रास नहीं आ रहा।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने राजकीय प्रेस के अधिकारियों से पूरी रिपोर्ट मांगी है और यदि कोई लापरवाही पाई गई तो कड़ी कार्रवाई होगी। लेकिन भाजपा का हर मुद्दे पर सीबीआई जांच की मांग करना सिर्फ संवैधानिक संस्थाओं के दुरुपयोग का प्रयास मात्र है।
“भाजपा को झारखंड की जनता ने नकारा है और वे बौखलाहट में इस तरह के झूठे आरोप लगा रही है। हेमंत सरकार जनता को जवाबदेह है और किसी के भी दबाव में नहीं आएगी।