कुड़मी/कुरमी समाज के अगुवा शीतल ओहदार ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा हाऊस में कुड़मी समाज को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने की बरसों पुरानी मांग खारिज करके कुड़मियों को अपमानित करने का प्रयास किया है। पिछले बार भी उन्होंने कुड़मियों के एस टी मांग पर आपत्ति जताते हुए हमें ब्राह्मण बना दीजिए जैसा टिप्पणी किया था। इस बार तो उन्होंने अपमान की हद पार करते हुए कहा कि कुड़मी समाज के लोग आदिवासी बन कर क्या करेंगे। जबकि कुड़मी जनजाति हैं केवल अनुसूचित जनजाति में सूचीबद्ध होने की सदियों से संघर्षरत हैं और अपने अस्तित्व और पहचान कायम रखना चाहता है जो कि कुड़मीयों का संवैधानिक अधिकार है ।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बयान का घोर निन्दा करते हुए कुड़मी समाज के अगुवा शीतल ओहदार ने चेतावनी के लहजे में कहा समाज से सार्वजनिक तौर पर माफी मांगे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, यदि ऐसा नहीं करते हैं तो सड़क से सदन तक जेएमएम आंदोलन किया जाएगा । उन्होंने कहा कि कल कुड़मी /कुरमी महतो समाज के कोर कमेटी का औचक बैठक रखा गया है जिसमें आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी।