राज्य कमिटी संघर्ष मोर्चा के आह्वान पर गिरिडीह जिले के तमाम सहायक अध्यापकों ने अपने हक और अधिकार को लेकर सरकार के वादा खिलाफी के खिलाफ बैठक आयोजित कर आंदोलन करने का निर्णय लिया गया।
बैठक की अध्यक्षता मोर्चा के साथी नारायण महतों ने किया जबकि संचालन सुखदेव हाजरा ने किया।

बैठक में वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान समय में पारा शिक्षकों के साथ अधिकारियों का दमन और शोषण दिनों दिन बढ़ते जा रहा है जिससे पारा शिक्षकों में काफी आक्रोश है।
कहा कि प्रखण्ड से लेकर जिला तक के सभी विभागीय अधिकारी बेलगाम हो गए हैं यहां तक सभी crp brp बीपीओ BEEO के समकक्ष अपना पावर दिखाना शुरू कर दिया है।
बायोमैट्रिक अटेंडेंस हो चाहे जीरो अटेंडेंस की बात हो तकनीकी खराबी आ जाने से ऑनलाइन अटेंडेंस नहीं बनने पर सीधे मानदेय की कटौती कर लेना मनमानी तरीके से मानदेय रोक देना उनके परिवार की परवरिश को दमन करने की प्रवृत्ति स्पष्ट रूप से झलकती है जो बिल्कुल नाइंसाफी और अप्रासंगिक है।
साथ ही जिले में 269 सहायक अध्यापकों का स्थगित किया गया मानदेय भुगतान पर साकारात्मक पहल करने में विभागीय प्रक्रिया पूरी की जा रही है। सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि गिरिडीह में सभी गुट मिलकर एक समन्वय स्थापित करते हुए संगठन का सारा कार्यक्रम संघर्ष मोर्चा समन्वय समिति के बैनर तले संचालित होगा।
संघर्ष मोर्चा के जिला नेतृत्वकारी साथी नारायण महतों, सुखदेव हाजरा,डीलचंद महतों, जमाल अंसारी, गणेश मंडल, मुख्तार अंसारी सहित सभी प्रखण्ड अध्यक्ष ने संयुक्त रूप से बताया कि विगत आंदोलनों में सरकार के साथ जिन बिंदुओं पर सहमति बनी है उसे अविलंब लागू करे सरकार वरना विवश होकर राज्य के 62 हजार सहायक अध्यापक जनाक्रोश आंदोलन को बाध्य होंगे।

बैठक के पूर्व एक शिष्टमंडल माननीय मंत्री नगर विकास एवं उच्च तकनीकी शिक्षा व पर्यटन विभाग के श्री सुदिव्य कुमार सोनू से मिलकर तमाम समस्याओं से अवगत कराया गया माननीय मंत्री जी ने आश्वस्त किया कि एक सप्ताह के भीतर आप सभी की समस्याओं के समाधान को लेकर माननीय शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव, माननीय विधायक गांडेय कल्पना सोरेन से वार्ता कराई जाएगी।निर्णय हुआ कि समान काम का समान वेतन हमारा जनतांत्रिक अधिकार है, आकलन पास सहायक अध्यापकों को टेट के समकक्ष मान्यता प्रदान करते हुए बराबरी का हक मिले। सहायक आचार्य में आकलन पास वाले को भी फॉर्म भरने की अनुमति दी जाय।
जिला स्तर पर एक बड़ा सम्मेलन आगामी अगस्त माह में आयोजित करने का निर्णय लिया गया है इसके लिए सभी प्रखंडों में 13 जुलाई तक बैठक आयोजित कर रणनीति बनाई जाएगी।
सरकारी शिक्षकों की भांति सहायक अध्यापकों को भी एक समान हक मिले नहीं तो अब बंधुआ मजदूर एवं गुलामी का सिस्टम कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
वक्ताओं का तर्क था कि चाहे पारा शिक्षकों की नौकरी रहे या न रहे पूरे झारखंड में एक साथ सामूहिक इस्तीफा देना कबूल है परंतु अधिकारियों का तुगलकी फरमान, शोषण और दमन किसी भी परिस्थिति में स्वीकार नहीं होगा इसके लिए झारखंड में फिर से एक बार पुराने अंदाज में 22 अगस्त के बाद एक बहुत ही सर्वोत्कृष्ट और ऐतिहासिक आंदोलन का शंखनाद किया जाना है जिसकी सारी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
आज के इस महत्वपूर्ण बैठक में मुख्य रूप से संघर्ष मोर्चा के सदस्य नारायण महतों, सुखदेव हाजरा,डीलचंद महतों, जमाल अंसारी, गणेश मंडल, मुख्तार अंसारी, बैधनाथ महतों, राजकुमार, बक्शी रमेश, मनोज कुमार शर्मा, विनोद यादव, दीपक कुमार, महबूब अंसारी, पुनिचंद मंडल, ठाकुर दास, अशोक बेसरा, उज्जवल कुमार, फिदा हुसैन, प्रमोद सिंह, बीरू मंडल, ठाकुर दास, पप्पू कुमार, सुनील राय, शशिकांत यादव, राजेश सिन्हा, सुखदेव प्रसाद यादव, मोहन पण्डित, शशिकांत यादव, राजेश सिन्हा, सुखदेव प्रसाद यादव सहित सभी प्रखण्ड के तमाम सहायक अध्यापकों ने रांची आंदोलन के लिए गिरिडीह के सभी संघर्ष मोर्च के साथियों का काफिला रांची जाने का संकल्प लिया।