डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, राँची में नामांकन और परीक्षा प्रक्रिया में चल रहे फर्जीवाड़े और भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ हुआ है। इस मुद्दे को गंभीरता से उठाते हुए विश्वविद्यालय के छात्र प्रतिनिधि अभिषेक झा ने आज महामहिम राज्यपाल एवं कुलाधिपति महोदय को ज्ञापन सौंपते हुए तत्काल न्यायिक जांच और प्रशासनिक कार्रवाई की मांग की है।

अभिषेक झा ने बताया कि हाल ही में एक ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुई है जिसमें एक व्यक्ति, जो खुद को छात्र बताता है लेकिन असल में एक दलाल है, रु. 3000 से रु. 35000 तक की राशि लेकर नामांकन से लेकर परीक्षा और परिणाम तक की ‘पैकेज डील’ की पेशकश करता सुनाई देता है। इस क्लिप ने छात्र समुदाय के बीच गहरा आक्रोश पैदा कर दिया है और विश्वविद्यालय की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
अभिषेक झा ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय की स्थिति अत्यंत दयनीय हो चुकी है। यहां न तो प्लेसमेंट की कोई व्यवस्था है, न ही छात्रावास और शौचालयों की समुचित सफाई होती है। पुस्तकालयों में आवश्यक संसाधनों की भारी कमी है और छात्रों को बुनियादी सुविधाएं तक नहीं मिल रही हैं। शिक्षा का स्तर लगातार गिर रहा है जबकि दलाली करने वालों को खुला संरक्षण प्राप्त है। मेहनती छात्र हाशिए पर हैं और भ्रष्टाचार को संस्थागत रूप से बढ़ावा दिया जा रहा है, जो अब असहनीय हो चुका है।

अभिषेक झा ने महामहिम राज्यपाल से मांग की है कि वायरल ऑडियो क्लिप में संलिप्त व्यक्ति के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज कर सख्त कानूनी एवं शैक्षणिक कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही ऐसे दलालों को संरक्षण देने वाले शिक्षकों एवं कर्मचारियों की निष्पक्ष जांच कर उन्हें दंडित किया जाए। विश्वविद्यालय में नामांकन, उपस्थिति, परीक्षा और प्रमाणपत्र की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए पूर्णतः डिजिटल वेरिफिकेशन सिस्टम लागू किया जाए, और छात्रों को दिए जाने वाले सभी प्रमाणपत्रों की वैधता सरकारी पोर्टल के माध्यम से सुनिश्चित की जाए ताकि किसी भी प्रकार की फर्जीवाड़ा और भ्रष्टाचार की संभावना समाप्त की जा सके।

अंत में छात्रों ने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र और निर्णायक कार्रवाई नहीं हुई, तो छात्र समुदाय विश्वविद्यालय में जनांदोलन की शुरुआत करेगा, जिसकी नैतिक जिम्मेदारी पूरी तरह से प्रशासन एवं शासन की होगी। यह मामला अब केवल एक विश्वविद्यालय तक सीमित नहीं है, बल्कि झारखंड की उच्च शिक्षा व्यवस्था की साख पर बना संकट है, जिसे बचाने के लिए अब चुप्पी नहीं बल्कि ठोस और निर्णायक कदम उठाना अत्यावश्यक है।
मौके पर मुख्य रूप से मुदस्सर अंसारी, मनजीत सिंह, राहुल कुमार एवं आदि छात्र उपस्थित थे ।