एकलव्य विद्यालयों से होगा जनजातीय बच्चों का समग्र विकास: अर्जुन मुंडा

Spread the love

जनजातीय कार्य, कृषि और किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने मंगलवार को सिमडेगा जिले के बांसजोर और पाकरटांड़ में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस) का उद्घाटन किया। इस मौके पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए श्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि मुझे खुशी है कि जिस विद्यालय का शिलान्यास मैंने किया था, उसका उद्घाटन भी हम कर रहे हैं। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व वाली सरकार की यह कोशिश होती है कि समयबद्ध तरीके से काम पूरा हो।

अभी एकलव्य विद्यालयों के लिए 10 हजार शिक्षकों की बहाली हो चुकी है। झारखंड में 21 स्कूल बन चुके हैं। पुरानी सरकारों ने जनजातीय लोगों की शिक्षा पर ध्यान नहीं दिया। घर के पास कोई स्कूल न होने के कारण पढ़ाई के लिए घर से दूर जाना पड़ता था। जिसके कारण कई बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाते थे, आज यह स्थिति नहीं है। हमारा लक्ष्य देशभर में ऐसे लगभग 740 स्कूल खोलने का है, जिसमें हर साल 3.5 लाख जनजातीय छात्रों को उनके अपने वातावरण में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी। मुझे उम्मीद है कि विकसित भारत के संकल्प को सिद्ध करने में एकलव्य के बच्चे सहभागी होंगे।

एकलव्य विद्यालय अत्याधुनिक सुविधायों से युक्त हैं, प्रत्येक स्कूल में 16 कक्षाएं हैं और जहाँ पहले 240 छात्र शिक्षा लेते थे अब 480 छात्र शिक्षा ले रहे हैं, स्कूलों में छात्रावास, मेस, शिक्षकों के लिए आवासीय सुविधा,खेल मैदान, कम्पूटर प्रयोगशालाएं, विज्ञान प्रयोगशालाएं हैं। इन स्कूलों में कौशल विकास और करियर काउंसलिंग की सुविधा भी होगी। अब हमारे सभी विद्यालयों को ग्रीन बिल्डिंग कांसेप्‍ट पर तैयार किया गया हैं और रख रखाव के लिए पर्यावरण अनुकूल पद्धतियों पर ध्यान केन्द्रित किया गया है। जनजातीय बच्चों की खेल प्रतिभा को सवारने के लिए 15 उत्कृष्ट कीड़ा केन्द्रों की व्यवस्था एकलव्य विद्यालयों में की जा रही है। यह प्रयास एकलव्य विद्यालय को आदिवासी बच्चों के समग्र विकास और सशक्तिकरण केंद्र के रूप में विकसित करने में मदद करेंगे। झारखण्ड राज्य में ऐसे 91 एकलव्य विद्यालयों की स्थापना की जाएगी।

Leave a Reply