विधानसभा चुनाव के लिए पार्टियां कमर कस चुकी है. चुनावी मैदान में शह-मात का खेल शुरू हो गया है. चुनावी बयार को अपने पक्ष में करने के लिए संभावित प्रत्याशी से लेकर हर पार्टियां जुट गई है।
विधानसभा क्षेत्र की राजनीतिक पृष्ठभूमि, विधानसभा के एजेंडे, आम लोगों की समस्या सहित कई पहलुओं पर हैं आधारित यह खास रिपोर्ट जानिए आज भवनाथपुर विधानसभा क्षेत्र की रिपोर्ट।

भवनाथपुर विधानसभा सीट 1951 में अस्तित्व में आयी, 1952 में राजेश्वरी सरोज दास ने कांग्रेस के टिकट से पहली बार जीत हासिल कीया था 1952 से लेकर 2009 तक इस सीट से सात बार कांग्रेस पार्टी विधायक बने. 1952 में सुश्री राजेश्वरी सरोज दास, 1957 में यदुनंदन तिवारी, 1967, 1972 व 1980 में भैया शंकर प्रताप देव, 1985 में राज राजेन्द्र प्रताप देव और 2009 में अनंत प्रताप देव उर्फ छोटे राजा ने कांग्रेस का प्रतिनिधित्व किया. वर्ष 2000 में रामचंद्र केशरी समता पार्टी के टिकट पर यहाँ के विधायक झारखंड गठन के बाद बनी पहली सरकार में मंत्री बने थे.
वहीं 2005 में भानु प्रताप शाही फॉरवर्ड ब्लॉक के टिकट पर लड़ कर जीते और पहली बार विधायक बने. 2009 में कांग्रेस प्रत्याशी अनंत प्रताप देव उर्फ छोटे राजा विधायक चुने गये. 2014 में कांग्रेस पार्टी छोड़ कर अनंत प्रताप देव भाजपा पार्टी से चुनाव लड़ें, लेकिन निर्दलीय प्रत्याशी भानु प्रताप शाही ने 2661 मतों से उन्हें पराजित कर दिया. 2019 में भानु प्रताप शाही भाजपा में शामिल हो कर चुनाव लड़े और भाजपा को पहली बार इस सीट से जीत दिलायी.बता दें कि 1952 से लेकर तक भाजपा एक बार भी इस सीट पर जीत हासिल नहीं कर सकी थी।
विधायक भानु प्रताप शाही का कहना हैं कि उन्होंने भवनाथपुर विधानसभा क्षेत्र में पांच वर्षों में विकास के अनेकों काम किये है. कनहर नदी व सोन नदी पर उच्चस्तरीय पुल बनवाया, सिविल कोर्ट बनवाया, विधानसभा क्षेत्र से पावरग्रिड बनवाया, जिससे क्षेत्र में 20-22 घंटा बिजली मिलती है. शिक्षा के क्षेत्र में झगराखांड में डिग्री कॉलेज का निर्माण कराया. 10 उच्च विद्यालय को अपग्रेड किया तथा तीन प्लस टू विद्यालय को अपग्रेड कराया. स्वास्थ्य के क्षेत्र में अनुमंडलीय अस्पताल को अपग्रेड कराया, डिजिटल एक्स- रे मशीन लगवायी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनवाया, क्षेत्र से सड़कों का जाल बिछाने का काम किया है.
भवनाथपुर क्षेत्र में बंद खदानों को खुलवाने, सेल की भूमि में उद्योग की स्थापना कर स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार प्रदान करने और नगरउंटारी को जिला बनवाने के लिए प्रयासरत है।
वही दूसरी तरफ पूर्व विधायक अनंत प्रताप देव का कहना है कि जनता सब देख रही है. वर्तमान विधायक भ्रष्टाचार के सागर में गोते लगा रहे हैं. सीमेंट फैक्ट्री लगाने के नाम पर जनता को दिग्भ्रमित कर रहे हैं. नौजवानों के साथ यह धोखा है. विधायक पलायन रोकने में विफल साबित रहे है. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार की योजना को अपनी योजना बताकर सरकार को गाली देने का काम कर रहे हैं. सरकार द्वारा वितरित की जा रही साइकिल को भी अपनी योजना बता रहे हैं. सरकार की योजना को विफल बता कर अपनी सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का झूठा प्रयास कर रहे हैं. जनता सब देख रही है. इसबार सबक सिखायेगी।
बात करें अगर इस विधानसभा के मुद्दे की तो भवनाथपुर के टाउनशिप में सेल के द्वारा 1972 में चूना पत्थर की खुदाई कार्य शुरू किया गया था, तब यहां एशिया का सबसे बडा क्रशिंग प्लांट स्थापित किया गया. इसके अलावा तुलसीदामर में डोलोमाइट खनिज का उत्खनन शुरू किया गया. लेकिन यह औद्योगिक नगरी बहुत दिनों तक नहीं चल पायी. शुरुआती दौर में इसमे 1200 कर्मचारी कार्यरत थे. लेकिन 1990 के दशक में यह खदान राजनीतिक षड्यंत्र का शिकार हो गया. आज की तिथि में चूना पत्थर खदान और डोलोमाइट खदान दोनों बंद हो गये है. साथ ही एशिया का सबसे बड़ा क्रशिंग प्लांट भी बंद हो चुका है. अब बेरोजगारी व पलायन यहां का अहम मुद्दा है. पावर प्लांट लगाना, सीमेंट की फैक्ट्री खोलना, घाघरा चूना पत्थर खदान तथा तुलसीदामर डोलोमाइट खदान को फिर से चालू करना प्रमुख मुद्दे है।
