झारखण्ड बनना मूलवासी सदानों के लिए अभिशाप बन गया: राजेन्द्र प्रसाद

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मूलवासी सदानों से आने वाले ओबीसी, एससी, और सर्वण में राजनीतिक चेतना की कमी के कारण राजनीतिक दल मूलवासी सदानों की घोर उपेक्षा कर रहे हैं। उक्त बातें मूलवासी सदान मोर्चा की बैठक में झारखण्ड आन्दोलनकारी सह  मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद ने चुटिया में की।

 
कहा मूलवासी सदानों के सहादत और बलिदान से झारखण्ड  राज्य बना  लेकिन झारखण्ड बनने के बाद  मूलवासी सदानों की घोर उपेक्षा हो रही है यह बर्दाश्त से बाहर है।  राजेन्द्र प्रसाद ने कहा राज्य बनने के बाद
सबसे पहले पिछड़ी जातियों की आरक्षण को 27 प्रतिशत से घटाकर 14 कर दिया गया। सात जिलों में ओबीसी का आरक्षण शून्य कर दिया गया। जबकि मूलवासी सदान समुदाय से आने वाले ओबीसी की आबादी 55%है। सवर्ण को ईडब्ल्यूएस के तहत 10% मिलने वाली आरक्षण में झारखंड के सदानों  को  प्राथमिकता नहीं दी गई। संवैधानिक प्रक्रिया के तहत एससी के लिए रांची महापौर की सीट को आरक्षित किया गया था, लेकिन असंविधानक तरीके बदलाव किया गया।भ्रष्टाचार चरम पर है । आन्दोलनकारी सह मूलवासी सदान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि झारखण्ड राज्य बनना मूलवासी सदानों के लिए अभिशाप बन गया है। राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि झारखण्ड में मूलवासी सदान मोर्चा ने स्थानीय नीति और नियोजन नीति बनाने को लेकर ईमानदारी पूर्वक सड़क पर उतरकर आन्दोलन करते रहा है।  
उन्होंने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में ओबीसी आरक्षण , स्थानीय नीति,नियोजन नीति और भ्रष्टाचार  को बड़ा मुद्दा बनाने की बात कही है। क्षितिश कुमार राय, ने कहा कि झारखण्ड में सारा काम एक पक्षिए रहा है। तुष्टीकरण की राजनीति की जा रही है। डॉ राम प्रसाद, डॉ सुदेश कुमार, प्रो अरविंद कुमार, विशाल कुमार सिंह, विशाल साहू ने भी बैठक सम्बोधित किया। बैठक में अतुल कुमार, अर्जुन साहू, विकास गोप , फुलचंद गोप,राजेश साहु, अमित साहू, आदित्य चौधरी, रंजीत प्रसाद, मनीष देव, मुकेश सिंह, रोहित कुमार आदि उपस्थित थे।

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