अनुसूचित जाति जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण तथा परिवहन मंत्री एवं झारखंड आंदोलनकारी दीपक बैरवा ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारी के जेल जाने की बाध्यता समाप्त करने पर सरकार विचार कर रही है शीघ्र ही जेल जाने की बाध्यता समाप्त होगी और समान रूप से झारखंड आंदोलनकारी को इसका लाभ मिलेगा साथ ही साथ झारखंड आंदोलनकारी को सम्मान राशि भी सम्मान रूप से देने पर सरकार विचार कर रही है।
श्री बिरुवा ने आज विधानसभा स्थित अपने आवासीय कार्यालय में झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के प्रतिनिधि मंडल संस्थापक एवं प्रधान सचिव पुष्कर महतो,केंद्रीय उपाध्यक्ष जितेंद्र सिंह, दर्शन गंजू दीपक सिंह टाइगर एवं पुष्पेंद्र सवासी प्रमुख थे. प्रतिनिधि मंडल ने माननीय मंत्री को झारखंड अलग राज्य के आंदोलनकारियों के संवैधानिक अधिकारों से संबंधित 18 सूत्री मांग पत्र के आलोक में उक्त बातें कही.
उन्होंने कहा कि झारखंड आंदोलनकारी में स्वयं रहा हूं मेरे साथ भी हजारों लोग अलग राज्य के आंदोलन में भाग लिए हैं इसलिए मैं आंदोलनकारी का दर्द बखूबी समझता हूं जेल जाने की बाध्यता निश्चित है समाप्त होनी चाहिए सम्मान राशि सम्मान के साथ देना हमारी सरकार की प्राथमिकता है. आंदोलनकारी को आज सबसे अधिक जरूरत चिकित्सा आवास परिवहन की है वह निश्चित रूप से दिए जाएंगे।
मौके पर बिंदुवार चर्चा करते हुए संस्थापक पुष्कर महतो ने कहा किझारखंड आंदोलनकारियों व झारखंडियों के संवैधानिक अधिकारों को सुनिश्चित हो. अलग राज्य बनने के बाद झारखंड आंदोलनकारियों व झारखंडियों की स्थिति हाशिए पर है ,संवैधानिक अधिकारों से वंचित हैं। झारखंड अलग राज्य के संवैधानिक
मूल्य अधूरे हैं। -झारखंड व आंदोलनकारियों के अस्तित्व, अस्मिता, अलग पहचान के सवाल खतरें में है।
अत: हमारी मांगें हैं कि –

1- 3 जनवरी को मारंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा की जयंती को झारखंड आंदोलनकारी दिवस घोषित किया जाए।
2-झारखंड आंदोलनकारियों के जेल जाने की बाध्यता समाप्त हो।
3- झारखंड आंदोलनकारियों की *अलग पहचान* हो।
4- झारखंड आंदोलनकारियों को *राजकीय मान -सम्मान* मिलना चाहिए l
5 – झारखंड आंदोलनकारियों को सम्मान पेंशन समान रूप से 50-50 हजार रु.तक प्रति माह दिया जाए।
6- झारखंड आंदोलनकारियों व झारखंडियों के नियोजन -तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग के नौकरिया एवं जेपीएससी की नियोक्तियों में एवं रोजी- रोजगार में 100 प्रतिशत परसेंट की गारंटी हो तथा क्षैतिज आरक्षण उत्तराखंड के तर्ज पर 10 प्रतिशत लागू हो।
7-झारखंड आंदोलनकारियों का चिंहितिकरण कार्य बिना किसी भेदभाव व भरष्टाचार मुक्त युद्ध स्तर पर किया जाए।
8– चिन्हित हुए झारखंड आंदोलनकारियों के संपुष्टि के कार्य तेजी से हो एवं अधिसूचित कर जल्द से जल्द जिला मुख्यालय व प्रखंड मुख्यालय चिंतित आंदोलनकारियों की सूची भेजा जाए।
9–झारखंड आंदोलनकारियों का नाम गजट में जल्द से जल्द प्रकाशित हो।
10 – चिंहित झारखंड आंदोलनकारियों का बकाया एरियर का भुगतान शीघ्र किया जाए।
11- झारखंड आंदोलनकारियों को 2021 के स्थान पर 2015 से समान रूप से सम्मान का राशि का भुगतान हो एव सरकार अपने संकल्प में शीघ्र संशोधन कर राज्य गठन की तिथि से सभी को सम्मान राशि दे। झारखंड आंदोलनकारी को सम्मान पेंशन का लाभ राज गठन की तिथि से ही दिया जाए।
12- झारखंड आंदोलनकारियों को नियमित प्रति माह सम्मान राशि का भुगतान की गारंटी सुनिश्चित करे।
13- निशुल्क चिकित्सा सुविधाए , निशुल्क अंतर राज्य परिवाहन सुविधाए एवं शिक्षा की सुविधा के जी से पी जी तक तकनीकी शिक्षा सहित को दिया जाए।
14- झारखंड आंदोलनकारी चिंहितिकरण आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों को प्राप्त राज्य मंत्री का दर्जा दिया जाए।
15- आंदोलनकारी के नाम चौक चौराहा पर शिलालेख के माध्यम से स्थापित किया जाए।
16- मृत हुए झारखंड आंदोलनकारी के आश्रितों को विशेष संरक्षण देते हुए चिकित्सा नियोजन, रोजी रोजगार शिक्षा आवास वगैरा की सुविधा दिए जाएं।
17- आंलनकारी के सम्मान राशि को पेंशन सिर से जोड़ा जाए।
18–झारखंडियों के व्यापक हितार्थ में राज्य में समता जजमेंट लागू हो एवं 26 परसेंट रॉयल्टी का अधिकार मिले।
उक्त निर्णय मंत्रिमंडल की बैठक के माध्यम से सरलता एवं सहजतापूर्वक किया जा सकता है।
झारखंड अलग राज्य लंबे संघर्ष और शहादतों के बुनियाद पर हुआ है । यह कोई साधारण राज्य नहीं है इसकी तुलना अन्य राज्यों में दिए जाने वाले सुविधाओं और सम्मान से नहीं बल्कि झारखंड की अपनी बेहतर एवं सम्मानजनक व्यवस्था बने। ताकि खुशहाल झारखंड समृद्ध साली झारखंड का हमारा लक्ष्य पूरा हो सके।
गृह कारा एवं आपदा विभाग के जांच अधिनियम 1952 के तहत देश के स्वतंत्रता सेनानियों का चिंहितिकरण हुआ है उन्हें 50-50 हजार रु और राजकीय मान – सम्मान , अलग पहचान, नियोजन व अन्य सुविधाएं दिए जाते हैं। झारखंड आंदोलनकारियों के साथ भेदभाव नहीं हो सम्मान के साथ समान रूप से सामाजिक, आर्थिक व स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं प्रदान किये जाए।
