निगम चुनाव नहीं होने से रुकी पारा शिक्षकों की मानदेय वृद्धि

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राज्य के शहरी क्षेत्रों के स्कूलों में कार्यरत सहायक शिक्षकों (पारा शिक्षकों) के मानदेय में कोई बढ़ोतरी नहीं की गयी है. सहायक शिक्षक सेवा शर्त नियमावली-2022 के मुताबिक शिक्षकों के मानदेय में हर साल चार फीसदी की बढ़ोतरी होनी है. इसके लिए शिक्षक की सेवा का सत्यापन अनिवार्य है. लेकिन, राज्य में नगर निकाय चुनाव नहीं होने के कारण शिक्षकों का सेवा सत्यापन नहीं हो पा रहा है.



राज्यभर के शहरी स्कूलों में कार्यरत हैं आठ हजार शिक्षक, सेवा सत्यापन के बाद बढ़ाया जायेगा मानदेय:-

ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों का सेवा सत्यापन मुखिया एवं प्रधान द्वारा किया जाता है। जबकि शहरी क्षेत्र के स्कूलों के शिक्षकों की सेवा का सत्यापन नगर निगम और नगर परिषद के प्रधान द्वारा करने का प्रावधान है. राज्य में नगर निगम चुनाव नहीं होने के कारण

अनुकंपा के आधार पर नौकरी के प्रावधान में बदलाव:-

राज्य के पारा शिक्षकों के आश्रितों को अनुकंपा पर नौकरी देने के प्रावधान में भी बदलाव किया जायेगा. इसके लिए प्रस्ताव भी तैयार कर लिया गया है. शिक्षकों के आश्रितों को ऐसे पदों पर नौकरी दी जायेगी, जिनमें संविदा पर नियुक्ति होती है.

शहरी क्षेत्र के स्कूलों के शिक्षकों का सेवा सत्यापन नहीं हो पा रहा है. राज्य के कई जिलों के जिला शिक्षा अधीक्षकों ने इस संबंध में झारखंड शिक्षा परियोजना से मार्गदर्शन मांगा है.

शिक्षा विभाग से मार्गदर्शन मिलने के बाद शिक्षकों को वेतन में बढ़ोतरी मिल रही है.

उसी हिसाब से मानदेय दिया जाएगा। शहरी क्षेत्र के स्कूलों के शिक्षकों का पिछले दो साल से कोई मानदेय वृद्धि नहीं हुई है. शिक्षा विभाग की गाइडलाइन के बाद शिक्षकों को दो साल का एरियर दिया जायेगा. राज्य के शहरी क्षेत्रों के स्कूलों में करीब आठ हजार शिक्षक कार्यरत हैं

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