पूरे देश भर में 9 अगस्त को आदिवासी दिवस मनाई जाएगी वैसे मैं झारखंड में भी आदिवासी दिवस धूमधाम से मनाने की तैयारी की जा रही है। बता दे कि आदिवासी दिवस में इस बार कई पारंपरिक सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाएंगे पूरे शहर को दुल्हन की तरह सजाई जाएगी।

बात करें इस वर्ष के आदिवासी दिवस की तो कई सारे संगठन ने इस बार इसे काला दिवस के रूप में विरोध प्रकट करेंगे मोटरसाइकिल जुलूस निकालकर आदिवासीयत की परिचय देंगे।

वही इस पूरे मामले पर आदिवासी समन्वय समिति के संयोजक लक्ष्मीनारायण मुंडा ने बताया कि वर्तमान में देश के अंदर आदिवासियों पर हमले बढ़े हैं अगर आप किसी भी राज्य की बात करें तो आदिवासी सुरक्षित नहीं है। चाहे वह बलात्कार हो रेप हो या हत्या हमले ऐसे समय में हमें यह शोभा नहीं देता है कि हम आदिवासी महोत्सव धूमधाम से नाच गान कर मनाएं हम सभी इस बार इसे विरोध दिवस के रूप में मनाएंगे आदिवासी राष्ट्रपति बना देने से आदिवासियों का भला नहीं हो सकता जरूरत है उस समाज की सुरक्षा और लाभ कब तक सरकार पहुंचाएगी यह निश्चित होनी चाहिए।
वही इस पूरे मामले पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने बताया की आदिवासी संगठन आखिर इरफान अंसारी के बयान पर क्यों नहीं विरोध प्रदर्शन कर रहे और सड़क पर क्यों नहीं उतर रहे जिसने कि सदन के अंदर राज्य के पहले मुख्यमंत्री और वर्तमान के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी पर घिनौना बयान दिया।

उन्होंने बताया कि आदिवासी मुख्यमंत्री को अगर आदिवासी की चिंता होती तो 60 40 वाली नियोजन नीति का व समर्थन नहीं करते न ही स्थानीय नीति परिभाषित किया ना बेरोजगारी भत्ता दिया सिर्फ लोगों को बेवकूफ बना रही है आदिवासियों के नाम पर हेमंत सरकार।
