“आप पढ़ेंगे तो उचित- अनुचित का अंतर समझ सकेंगे, सोच का दायरा बढेगा और सही निर्णय ले सकेंगे” हेमंत सोरेन ।

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आज CM Hemant Soren से, विश्व बाल दिवस-2023 के अवसर पर यूनिसेफ, झारखंड के बाल पत्रकारों ने मुलाकात कर संवाद किया। उन्होंने CM से अपने शैक्षणिक अनुभवों और गतिविधियों को साझा किया तथा कई सवाल भी किए। CM ने बच्चों को विश्व बाल दिवस की शुभकामनाएं दी और कहा -आपसे मिलकर काफी अच्छा लगता है और मुझे भी काफी जानने -समझने- सीखने का मौका मिलता है । उन्होंने बच्चे- बच्चियों का उत्साह बढ़ाते हुए कहा- परिस्थितियां चाहे जैसी भी हो, पढ़ाई से नाता नहीं तोड़े । पढ़ाई से ही बेहतर भविष्य का रास्ता तय होता है।

सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना में एक परिवार से दो बच्चियों को सिर्फ लाभ देने की बाध्यता खत्म होगी

CM ने कहा कि, बच्चियों के सशक्तिकरण और उनको पढ़ाई से जोड़े रखने के लिए सरकार ने सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना शुरू की है। इस योजना का लाभ ज्यादा से ज्यादा बच्चियों को मिले, इसलिए इसमें एक ही परिवार से अधिकतम दो बच्चियों को लाभ देने की बाध्यता खत्म की जाएगी। हर किसी के लिए शिक्षा बेहद जरूरी है। आप अगर पढ़े -लिखे होंगे तो उचित- अनुचित का अंतर समझ सकेंगे । आप पर कोई बेवजह का दबाव नहीं बनाएगा। आपकी सोच का दायरा बढ़ेगा और उचित निर्णय ले सकेंगे। अभिभावक के साथ अपनी जरूरतों, समस्याओं और परेशानियों को जरूर साझा करें।1 अपने माता-पिता और अभिभावकों को यह समझाएं कि मुझे पढ़ने दे। उन्हें यह भी बताएं कि सरकार बच्चे -बच्चियों को शिक्षा के लिए बेहतर राह दिखा रही है । पढ़ाई का सारा खर्च दे रही है।

CM ने कहा कि, बच्चों को बेहतर और गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। बच्चियों को सावित्रीबाई फूल किशोरी समृद्धि योजना से जोड़ा जा रहा है ताकि वे पढ़ाई से जुड़ी रहें। इसके अलावा प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी से लेकर विभिन्न कोर्सेज को करने के लिए भी सरकार पूरा खर्च दे रही है। बच्चों के ओवरऑल डेवलपमेंट के लिए पढ़ाई के साथ खेलकूद और अन्य क्रिएटिविटी भी काफी जरूरी है। इससे बच्चों में छिपी हुई प्रतिभा सामने आती है और उसको निखारने के मौके मिलते हैं।

यूनिसेफ की ओर से CM को बताया गया कि, रांची और पश्चिम सिंहभूम जिले में लगभग 10 हज़ार बाल पत्रकार है। ये सभी बाल पत्रकार विभिन्न विद्यालयों से जुड़े हुए हैं। इस पर CM ने कहा कि, इन सभी बच्चों को राज्य के बाहर के भी अच्छे और बेहतर संस्थानों और अन्य संस्थाओं का चरणबद्ध तरीके से भ्रमण कराएं। इन्हें बड़े स्तर पर आयोजित होने वाले खेल प्रतियोगिताओं, प्रदर्शनी और मेला में भी ले जाएं। इससे बच्चों को एक्स्पोज़र मिलेगा।

मौके पर वंदना दादेल, विनय कुमार चौबे, सुनील कुमार श्रीवास्तव, यूनिसेफ झारखंड की प्रमुख डॉ कनीनिका मित्रा, कम्युनिकेशन स्पेशलिस्ट आस्था अलंग आदि उपस्थित थे।

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