झारखंड अलग राज्य  के मूल्यों की रक्षा के लिया 9 मार्च को आर्थिक नाकेबंदी का ऐलान

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लोहरदगा- झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा  लोहरदगा जिला की विशेष बैठक नगर भवन में हुई । इस अवसर पर झारखंड आंदोलनकारी रोजलीन तिर्की को दक्षिण छोटानागपुर प्रमंडल का अध्यक्ष बनाए जाने पर पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया गया। इस अवसर पर जिला महामंत्री शंभु सिन्हा उपाध्यक्ष एहसान अंसारी एवं ताहिर अंसारी को चुना गया।
लोहरदगा लोकसभा सीट पर स्टीफन किंडौ आंदोलनकारियों की ओर से प्रत्याशी बनाने का निर्णय लिया गया। जबकि  पलामू व चतरा लोकसभा से, 6 मार्च को  सैयदा मंडल डैम, लातेहार मैं आयोजित सभा में प्रत्याशियों की घोषणा  किये जाएगे।

  मौके पर मुख्य अतिथि झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के संस्थापक एवं प्रधान सचिव पुष्कर महतो  ने कहा कि राज्य के अधिकारी पदाधिकारी एवं हमारे जनप्रतिनिधि खनिज संपदाओं की लूट को रोकने में अक्षम है। हमारे राज्य के पदाधिकारी बॉक्साइट, कोयला सहित खनिज संपदाओं के लूट और आदिवासियों को उजाड़ने  में शामिल है।  एक – एक आंदोलनकारी अपने अस्तित्व, अस्मिता व स्वाभिमान की रक्षा  तथा अलग राज्य के मूल्यों को स्थापित करने के लिए 9 मार्च को आहूत झारखंड आर्थिक नाकेबंदी को सफल व व्यापक  बनाने का काम  करने का निर्णय लिया गया।



बैठक में झारखंड आंदोलनकारियों के व्यापक हितार्थ में: 20 पॉइंट पर अलग-अलग चर्चा किए गये। चर्चा के केंद्र बिंदु में  3 जनवरी को मारंग  गोमके जयपाल सिंह मुंडा की जयंती को झारखंड आंदोलनकारी दिवस घोषित करने, झारखंड आंदोलनकारियों के जेल जाने की बाध्यता समाप्त करने,झारखंड आंदोलनकारियों की *अलग पहचान*  स्वतंत्रता सेनानी की तरह झारखंड आंदोलनकारी, झारखंड सेनानी  ,झारखंड फाइटर वगैरह का दर्जा देने, झारखंड आंदोलनकारियों को *राजकीय मान -सम्मान*  यथा  जीते जी राजकीय सम्मान एवं मरोपरांत राजकीय सम्मान देने,  आंदोलनकारियों को सम्मान पूर्वक
ताम्रपत्र , प्रशस्ति पत्र व सम्मान कार्ड वगैरह समान पूर्वक देने, झारखंड आंदोलनकारियों को सम्मान पेंशन राशि समान रूप से 50-50 हजार रु.तक प्रति माह देने, झारखंड आंदोलनकारियों व झारखंडियों के नियोजन -तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग के नौकरिया एवं जेपीएससी की नियुक्तियों में एवं रोजी- रोजगार में  सौ  प्रतिशत  की गारंटी हो तथा क्षैतिज आरक्षण उत्तराखंड के तर्ज पर 10 प्रतिशत लागू  कराने,सभी बहालियों में आंदोलनकारियों के आश्रितों की सीधी नियुक्ति करने, आंदोलनकारियों  के आश्रितों को सरकारी नौकरियों के आवेदनों में झारखंड आंदोलनकारी कॉलम की व्यवस्था करने,झारखंड आंदोलनकारियों का चिंहितिकरण  कार्य बिना किसी जाति पार्टी के भेदभाव  युद्ध स्तर पर करने,  चिन्हित हुए झारखंड आंदोलनकारियों के संपुष्टि के कार्य तेजी से करने एवं अधिसूचित आंदोलनकारियों को जल्द से जल्द जिला मुख्यालय व प्रखंड मुख्यालय  चिंतित आंदोलनकारियों की सूची भेजने, झारखंड आंदोलनकारियों का नाम गजट में जल्द से जल्द प्रकाशित करने, चिंहित झारखंड आंदोलनकारियों का बकाया एरियर का भुगतान  राज्य गठन की तिथि 15 नवंबर 2000 से  देने,  झारखंड आंदोलनकारियों को 2021 के स्थान पर 2015 से समान रूप से सम्मान का राशि का भुगतान हो एव राज्य  सरकार  मंत्रिमंडल की बैठक कर अपने संकल्प में शीघ्र संशोधन कर राज्य गठन की तिथि से सभी को सम्मान राशि देने, झारखंड आंदोलनकारी को सम्मान पेंशन का लाभ  राज्य गठन की तिथि से ही देने, झारखंड आंदोलनकारियों को नियमित प्रति माह सम्मान राशि का भुगतान की गारंटी सुनिश्चित करने, आंलनकारियों के सम्मान राशि को *पेंशन  हेड* से जोड़ाने, निशुल्क चिकित्सा सुविधाए , निशुल्क अंतर राज्य परिवाहन सुविधाए एवं शिक्षा की सुविधा *के जी से पी जी* तक तकनीकी शिक्षा सहित अन्य सभी सुविधाएं देने, झारखंड आंदोलनकारी चिंहितिकरण आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों को प्राप्त *राज्य मंत्री का दर्जा* देने,  आंदोलनकारी के नाम चौक चौराहा पर शिलालेख के माध्यम से स्थापित करने, मृत हुए झारखंड आंदोलनकारी के आश्रितों को विशेष संरक्षण देते हुए  चिकित्सा नियोजन, रोजी रोजगार शिक्षा  आवास वगैरा की सुविधा देने पर चर्चा किये गए।
चर्चा में भाग लेने वालों में स्टीफन किंडो, प्रतिमा कुजूर,  बुद्धश्वर्  उरांव, शाहीद अंसारी, ताहिर अंसारी, मोबिन अंसारी, भीखराम उरांव, हाजी सुल्तान, पिंटू अंसारी, अनंत राम, प्रदीप उरांव, रामजी उरांव, नागेंद्र साहु, अनिल कुमार पांडेय, आनंद साहू, छेदी अंसारी, शमशेर अंसारी आनंद राम शमशेर खान दिलदार खान हलीम अंसारी, जशीनता टेप्पो, रामव्रत उरांव, कंधना  भगत, फग्गन देवी, लखवा उरांव, सोमरा उरांव, गुरुपाल उरांव, जलिया उरांव, बांधे उरांव, निर्मल तिग्गा, सुशीला केरकेट्टा, निर्मला बख़ला, कार्तिक उरांव, जसिन्ता केरकेट्टा, प्रमुख थे।
दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल की अध्यक्ष रोजलीन तिर्की ने कहा कि
सरकार मंत्रिमंडल की बैठक करके  झारखंड अलग राज्य के आंदोलनकारी को हक अधिकार देने हेतु निर्णय शीघ्र ले सकती है। इस पर दिशा में  सरकार द्वारा पहल कदमी नहीं किए जाने के विरोध में खनिज लूट के खिलाफ
9 मार्च 2024 के आर्थिक नाकेबंदी को ऐतिहासिक बनाया जाएगा। इसके अलावे विशेष रूप से प्रत्येक आंदोलनकारी को *आवास* की सुविधा दिए जाएं। झारखंड आंदोलनकारी  के अगुआ दिशुम गुरु  वीर शिबू सोरेन ने  आंदोलनकारियों की स्थिति को देखते हुए पूर्व में मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा को पत्र लिखकर पक्का मकान देने की  सिफारिश की थी जिसे लागू करने के मामले में भी चर्चा होगी,  साथ ही झारखंडियों के व्यापक हितार्थ में राज्य में समता जजमेंट लागू हो एवं 26 परसेंट रॉयल्टी का अधिकार दिलाने, राज्य सरकार झारखंड आंदोलनकारी को बोर्ड/ निगम /आयोग /वगैरह में  भागीदारी सुनिश्चित करने किया जाए।
संयोजक स्टिफ़न किंडो ने कहा कि
झारखंड आंदोलनकारियो के आश्रितों के वाणिज्य व्यापार हेतु 50 लाख रुपैया सब्सिडी में राशि  सुलभ कराने के मामले में भी विचार विमर्श किया जाएगा। उन्होंने कहा  कि झारखंड अलग राज्य लंबे संघर्ष और शहादतों के बुनियाद पर  हुआ है । यह कोई साधारण राज्य नहीं है इसकी तुलना अन्य राज्यों में दिए जाने वाले सुविधाओं और सम्मान से नहीं बल्कि झारखंड की अपनी बेहतर एवं सम्मानजनक व्यवस्था बने। ताकि खुशहाल झारखंड समृद्ध साली झारखंड का हमारा लक्ष्य पूरा हो सके।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जिला अध्यक्ष रामनंदन साहू ने कहा कि गृह कारा एवं आपदा विभाग के जांच अधिनियम 1952 के तहत देश के स्वतंत्रता सेनानियों का चिंहितिकरण हुआ है उन्हें 50-50 हजार रु और राजकीय मान – सम्मान , अलग पहचान, नियोजन व अन्य सुविधाएं दिए जाते हैं। झारखंड आंदोलनकारियों के साथ भेदभाव नहीं हो  सम्मान के साथ समान रूप से सामाजिक, आर्थिक व स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं प्रदान किये जाए।

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