झारखंड सहायक अध्यापक संघर्ष मोर्चा के राज्य प्रतिनिधि सिद्दीकी शेख ne कहा कि हमारी मंशा सदा सरकार के समर्थन रहीं हैं, लेकिन सरकार ने अपने खोखले वादे एवं षड्यंत्र कर हमारे भावनाओ को कुचलने का साजिश किया।
सरकार विचार करे कि आंदोलन में जाने पर किसने मजबूर किया-l
हेमंत है तो हिम्मत का नारा देने वाले सहायक अध्यापकों का हेमंत सोरेन की सरकार ने हिम्मत तोड़ दिया दिवंगत शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो के जाने के बाद पारा शिक्षक सरकार के उदासीनता से पीड़ित हैं


आदोलन में जाने के मुख्य कारण-
1- सरकार की वादा खिलाफी-* माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सरकार बनने से पूर्व एवं बाद मे पारा शिक्षकों से वेतनमान का वादा किया था ,मगर सत्ता में आने के बाद हेमंत सोरेन ने वेतनमान के वादे को भुला दिया, तो किया माननीय हेमंत सोरेन सरकार ने पारा शिक्षकों से झूठा वादा एवं धोखा देकर चुनाव में समर्थन प्राप्त किया था ।
2- समझौता का उल्लंघन –
दिसंबर 2021 मे सरकार एवं संगठन के बीच समझौता हुई, वेतनमान के समतुल्य मानदेय ,EPF पर सहमति बनी, सरकार तीन साल तक समझौता का अनुपालन नहीं किया, पुन आंदोलन के पश्चात 28 अगस्त 2024 को EPF एवं अन्य बिन्दुओं पर लिखित समझौता हुआ, जिसका अनुपालन सरकार ने नहीं किया
3- सरकार का षडयंत्र* – 3 अक्टूबर 2024 को विभागीय जानकारी मिली कि EPF, अनुकंपा, 1000 मानदेय वृद्धि की संचिका वृत विभाग भेज द गया,पुन संचिका वापस करना,केबिनेट से पूर्व संचिका गायब होना, सरकार की मात्र एक षडयंत्र थीं।

