झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के स्थापना दिवस पर आप सभी झारखंडवासियों और झामुमो के कर्मठ कार्यकर्ताओं के बीच बोलने और अपने विचार साझा करने का अवसर मिलना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। यह सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि हमारे संघर्ष, बलिदान और संकल्प का प्रतीक है। यह पल मेरे दिल के बेहद करीब रहेगा।

नेमरा गाँव का वह बालक, जिसने गरीब-गुरबों, दलितों और वंचितों की आवाज़ बनकर महाजनी प्रथा के खिलाफ विद्रोह किया, झारखंड के हक़ और अस्मिता के लिए संघर्ष किया और दिशोम गुरु शिबू सोरेन के रूप में हम सभी के पथप्रदर्शक बने। उन्होंने झारखंड को एक नई पहचान दी, एक अलग राज्य का सपना साकार किया और अपने पूरे जीवन को झारखंडवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए समर्पित कर दिया। इसी वजह से आज पूरा झारखंड उनके साथ खड़ा है!
आज मैं आप सभी झारखंडवासियों और झामुमो परिवार के हर कर्मठ साथी का दिल से आभार व्यक्त करता हूँ, क्योंकि आपकी ताकत और विश्वास की बदौलत अबुआ सरकार लगातार दो बार सत्ता में आई है। आपने हमें सेवा करने का अवसर दिया, और हमने दिल से झारखंड के विकास और जनकल्याण के लिए कार्य किया। आने वाले भविष्य में भी झारखंड की अस्मिता, हक़ और अधिकार की रक्षा के लिए हेमन्त जी के नेतृत्व में अबुआ सरकार ही सत्ता में आएगी!


कोविड के कठिन दौर में जब पूरा देश मुश्किल में था, तब भी झारखंड में किसी ने भूख से दम नहीं तोड़ा, क्योंकि अबुआ सरकार हर जरूरतमंद के साथ खड़ी रही। लेकिन इससे पहले डबल इंजन सरकार के दौर में गरीब-गुरबों की कोई सुनवाई नहीं थी। उस समय झारखंड में भूख से हुई मौतें इस बात की दर्दनाक गवाही हैं कि सत्ता में रहते हुए इन्होंने झारखंड के असली लोगों की तकलीफों को कभी नहीं समझा।

इन्होंने विकास की गाड़ी नहीं चलाई, बल्कि डबल इंजन की ताकत से झारखंड को लूटा। लेकिन झारखंड की जनता ने इनके छलावे को पहचान लिया और आप सभी के प्यार और भरोसे ने हेमन्त जी को झारखंड की सेवा करने का अवसर दिया। आज, जब हम पीछे मुड़कर देखते हैं, तो गर्व से कह सकते हैं कि हमने सिर्फ सरकार नहीं, बल्कि झारखंड के भविष्य को मजबूत करने का काम किया।
हमारा संघर्ष अभी खत्म नहीं हुआ है। झारखंड को उसके हक़ का हर अधिकार दिलाना है, इसे विकास और आत्मनिर्भरता की नई ऊँचाइयों तक ले जाना है। और इसके लिए हम सभी को एकजुट होकर आगे बढ़ना होगा।