जलप्रपातों का शहर राँची को वास्तविक रूप से अरथी गाँव के नाम से जाना जाता था। भौगोलिक रूप से यह छोटानागपुर पठार के दक्षिण भाग में स्थित है। पहाड़ी स्थलाकृति एवं उष्णकटिबंधीय जलवायु वाले जंगलों की उपस्थिति के कारण तुलनात्मक दृष्टि से यहाँ शीतल जलवायु पायी जाती है।
झारखण्ड राज्य की राजधानी राँची पूर्वी भारत का एक प्रमुख व्यावसायिक, औद्योगिक, स्वास्थ्य सेवा तथा शिक्षा का केन्द्र है।
झारखण्ड के संसाधन
‘झारखण्ड के संसाधन दीर्घा राज्य के प्राकृतिक, सांस्कृतिक, औद्योगिक, मानव तथा भूगर्भीय संसाधन को प्रदर्शित करती है। यहाँ प्रदर्शनों को नवीनतम तकनीक के अन्तःक्रियात्मक प्रदर्श के द्वारा दिखाया गया है।
झारखण्ड प्रकृति का अपना राज्य प्रभाग राज्य की सामान्य जानकारी देता है। इस दीर्घा के कृत्रिम कोयला खान वाले भाग में आप पूरी तरह से कोयला खान के अंदर होने वाली घटनाओं से परिचित हो सकते हैं। इसके साथ ही साथ भूमिगत संसार के अंजाने, दिलचस्प और विशिष्ट जानकारी को भी जान सकते हैं। इस भाग में कोयले को खान से बाहर कैसे लाया जाता है. खुदाई के बावजूद भी सुरंग क्यों नहीं ढहती है तथा खान के अंदर अपनाये जाने वाली सावधानियों के बारे में भी जानकारी प्राप्त होती है।
वही अगर जंगल सफारी की बात करे तो आपको जंगल में अनुपम प्रदान करता है। यहाँ हमेशा कुछ न कुछ नया ढूंढने के लिए बचा ही रहता है। जंगल में सैर करें जहाँ राज्य की वनस्पति तथा जानवरों के साथ प्रकाश एवं ध्वनि प्रभाव जंगल को जीवित कर देता है।
पर्यटन का भाग झारखण्ड के सुन्दर संसार को सामने लाता है जहाँ मानव और प्रकृति न सिर्फ एक साथ निवास करते हैं पर एक साथ सामंजस्य में भी है।
इधर आप किसी रमणीक स्थान में जाये बिना अपनी खुद की अद्भुत तस्वीर उस स्थान पर ले सकते हैं। और यह सब डिजीटल तकनीक के द्वारा संभावित किया गया है। यह एक उत्तम प्रदर्श है जिसके द्वारा आप राज्य में उपलब्ध अपार पर्यटन की संभावनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
विज्ञान उद्यान
विज्ञान केन्द्र की चारदीवारों के बाहर हरा विज्ञान उद्यान है, जो 8 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है। यहाँ साधारण मशीन, ध्वनि, प्रकाश विज्ञान, दोलक इत्यादि पर आधारित अनेको प्रदर्श हैं। यहाँ परवलय परावर्तक की सहायता से एक फुसफुसाहट को दूर से सुना जा सकता है। खाली नली के द्वारा सुर उत्पन्न हो सकते हैं तथा प्रामेतिहासिक जानवरों के प्ररूप आपको पृथ्वी पर जीवन की उत्पति के बारे में बताया गया है। केन्द्र 8 प्रमुख वैज्ञानिकों को भी श्रद्धांजलि देता है जिनकी प्रतिमायें यहाँ स्थापित की गयी है।
वराहमिहिर तारामंडल
तारामंडल में खगोल विज्ञान से संबंधित विषयों पर नियमित फिल्म प्रदर्शन है। इस भवन में खगोलीय प्रदर्शनी भी है, जो आगंतुको को आकर्षित करती है। यह पूरी तरह से वातानुकूलित और अत्याधुनिक संयंत्रों से सुसंपन्न है। यहाँ कला प्रक्षेपण प्रणाली, डिजीटल ध्वनि व्यवस्था के साथ विकलांग व्यक्तियों के लिए रैंप की व्यवस्था है। प्रतिदिन 4 शो का आयोजन होता है ।
बता दे कि हर मंगलवार को यह बंद रहता है।
टिकट दर की बात करे तो
वराहमिहिर तारामंडल में
- व्यस्क 50/- प्रति व्यक्ति
- बच्चों के लिए 30/- प्रति अदद (12 वर्ष तक)
- विद्यार्थियों के लिए 20 /- प्रति अदद ( 25 के समूह में।)
खनिज संबंधित भारी एवं मध्यम उद्योग जैसे लोहा एवं स्टील, अल्युमीनियम, सीमेंट, खाद इत्यादि की स्थापना के लिए झारखण्ड उत्तम स्थल है क्योंकि इन उद्योगों के लिए कच्चे माल को दूसरे राज्यों से आयात नहीं करना पड़ता है। उद्योग का भाग झारखण्ड को भारत के एक समृद्ध औद्योगिक केन्द्र के रूप में दर्शाता है। इस भाग का एक अन्य आकर्षण ब्लास्ट फरनेस है। राज्य के दूसरे अन्य प्राकृतिक संपदा को भी यहाँ आकर्षक रूप से दिखाया गया है। उपकरणों की कार्यविधि उपकरणों की कार्यविधि दीर्घा आपको विभिन्न मशीनों तथा उपकरणों के बारे में जानकारी देता है जिसे हम हमारे प्रतिदिन के कार्य में उपयोग करते हैं। इसमें साधारण बालप्वाइंट पेन से लेकर अत्याधुनिक मोबाइल फोन सम्मिलित है। दीर्घा को अनेक भाग में बाँटा गया है जैसे साधारण मशीनें माप उपकरण, घरेलु उपकरण, यातायात के साधन, संचार के चमत्कार, घरेलू मनोरंजन की चीजें, यंत्र की पहचान, उनके आविष्कारक तथा नवीनता का उपहार इत्यादि ।
मशीन एक ऐसा उपकरण है जो कार्य करने में हमारी सहायता करता है।
6 प्रकार के साधारण मशीनें होती हैं-
झुका हुआ तल,
खूँटा,
स्क्रू
घिरनी,
लीवर तथा
पहिया एवं एक्सल ।
इनमें से प्रायः सभी हमारे प्रतिदिन के जीवन में किसी न किसी रूप में प्रयोग में आते हैं।
यह जानना हमेशा से ही दिलचस्प रहा है कि डिजीटल कैमरा, मोबाइल या ई.सी.जी. किस प्रकार कार्य करता है ? डॉक्टर किस तरह दिल की किसी समस्या के बारे में जान जाते हैं ?
‘साधारण मशीन का भाग यांत्रिक भूलभुलैया की सहायता से तथा अन्तः क्रियात्मक प्रदर्श के द्वारा उर्जा के प्रेषण का सिद्धांत वर्णन करता है।
जिसे आप माप नहीं सकते उसे आप संभाल नहीं सकते। मापने के बाद ही आप किसी उपकरण के लाभ या हानि का अंदाजा लगा सकते हैं। मापना हमारे दिनचर्या का एक भाग है। मापन के यंत्र वाला भाग अन्तः क्रियात्मक प्रदर्श की सहायता से सामान्य मापन यंत्रों जैसे धर्मामीटर सामान्य वजन मापी, स्पीडोमीटर आदि के बारे में बताता है।
सेन्सर (सवेदक) को अपनी भुजा के पास कुछ क्षण के लिए रखें और कुछ ही सेकेण्ड में अपने रक्त के मापदण्ड के बारे में जानें, यह भी बिना किसी दर्द के यह सुनने में काल्पनिक लगती है पर यह सच है।
आपके कमरे का वातावरण जहाँ आप अपना घरेलू मनोरंजन के उपकरण लगा रहे हैं, उसकी सफलता आपके मेहनत पर निर्भर करती है। यह सफलता हर बात पर निर्भर करती है कि आपको घरेलू मनोरंजन उपकरणों की कितनी जानकारी है। घर के मनोरंजन भाग में घूमें। नये तरह के प्रदर्शन और अन्त क्रियात्मक प्रदर्श आपको अपने घर के लिए सही सिस्टम चुनने में मदद करेंगे।
उपकरणों की कार्यविधि दीर्घा में अनेकों रूचिकर एवं दिलचस्प तथ्य हैं जो आपके सामने प्रकट होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
मनोरंजन विज्ञान
इस दीर्घा में आपको विज्ञान के विभिन्न पहलूओं को अनुभव करने का अवसर एक अद्भुत वातावरण में मिलेगा। यहाँ आप दोलक में उत्पन्न अव्यवस्था, गुरुत्व नियम का उल्लंघन करती वस्तु दृष्टि भ्रम उत्पन्न करते हुये प्रदर्श यंत्र, कलाबाजी करते गेंद, रंगीन प्रतिबिंब उत्पन्न करते प्रकाश, भ्रांत प्रतिबिंब बनाते दर्पण वगैरह से अन्तः क्रिया कर सकते हैं। अतः आप आश्चर्यजनक और मंत्रमुग्ध करने वाले मनोरंजक विज्ञान प्रदर्श देखने के लिये तैयार रहें।
रांची विज्ञान केंद्र के प्रभारी तथा तकनीकी पदाधिकारी बराहमिहिर तारामंडल के सुशील कुमार का कहना है कि अभी हाल में ही सरकार द्वारा मोबाइल बस खरीदे गए हैं जो की पूरी आधुनिक तरीके से लैस है और ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों को विज्ञान और तकनीकी की जानकारी पहुंचाती है।
उन्होंने बताया कि झारखंड के 24 जिले में हमारा लक्ष्य है की वहां के बच्चों को विज्ञान की जानकारी के लिए जिज्ञासा जागरूक करें। क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में अंधविश्वास और डायन बिसाही लोगों की मौत का कारण बनता है इसे हम दूर करने की दिशा में कार्य कर रहे हैं।
वही विज्ञान और तकनीक के अधिकारी डॉ शेख जिलानी का कहना है जब भी नया इवेंट्स होता है तब हम वर्कशॉप के लिए साइंटिस्ट को बुलाते हैं जिसे लेकर बच्चों में काफी जिज्ञासा रहती है। गैलरी में साइंस डेमोंसट्रेशन चलाया जाता हैं साथ ही बच्चों को विज्ञान और तकनीक की बारीकियो से जानकारी को समझाई जाती है।
उन्होंने उदाहरण के तौर पर बताया कि अगर हम दो कागजों के बीच में फूंक डालते हैं तो उसे दूर जाना चाहिए लेकिन पास में अगर तेज हवा मारते हैं तो वह नजदीक आने की कोशिश करती है हवा तो सब जगह है हम बीच में हवा छोड़ते हैं तो उसके किनारे की भी हवा उसे प्रेशर देती है इसीलिए दो कागज आपस में जुड़ना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि हर दिन नई तकनीक लाने की प्रयास की जा रही है सरकार द्वारा।