झमाझम बारिश के साथ सरकार की कई विकास की पोल खुलते जा रही हैं। आज कुछ ऐसा ही दृश्य सिल्ली में देखने को मिला। बिच सड़क में धान रोपनी आंदोलन कार्यक्रम किया गया। “झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा” के केंद्रीय वरीय उपाध्यक्ष देवेंद्रनाथ महतो ने सड़क पर विस्थापित रैयत व ग्रामीणों के साथ सड़क पर धान रोपनी कार्यक्रम चलाया।

सिल्ली से गोला तक होने वाली सड़क चौड़ीकरण में लापरवाही देखने को मिल रही है। बीच सड़क पर घुटनों तक पानी लबालब भर आया है। तालाब की स्थिति बन गई है। यात्रियों का आवागमन ठप है। ग्रामीणों को स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाना भी दुसवार हो गया है। आज घटनास्थल पर देवेंद्रनाथ महतो ने कहा कि सड़क चौड़ीकरण के नाम पर महा घोटाला हो रहा है। सरकार के संरक्षण में रोड कंस्ट्रक्शन भारत वाणिज्य कंपनी अपनी मनमानी पर उतर आया है। नियमों का सरेआम उलंघन किया गया है।

भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2023 का सरेआम उलंघन किया जा रहा है, हमलोग के आंदोलन के परिणामस्वरूप कुछ दिन पूर्व आम सभा हुई और भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2023 के धारा 11 नोटिफिकेशन जारी किया गया है, अभी भी धारा 19, धारा 21, धारा 37 का पालन नहीं किया गया है, सरकार के भू – अर्जन विभाग द्वारा भूमि का पोजिशन करके पथ निर्माण विभाग को समर्पित ही नहीं किया है तो आखिर कैसे खतियानी रैयतों के जमीन पर रोड चौड़ीकरण कार्य किया जा रहा है? इसके साथ ही श्री महतो ने सरकारी व्यवस्था पर उंगली उठाते हुए कहा कि इसकी लिखित पूर्व शिकायत हमने कई विभागीय अधिकारियों को दिया है। दिनांक 11अप्रैल 2025 को पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव से मुलाकात कर विस्तृत जानकारी दिया था 10 अप्रैल को कार्य स्थल में आंदोलन भी हो चुका है । फिर भी नियम का उलंघन करते हुए कंपनी जबरन कार्य कर रही है। जिसके दुष्परिणाम आस पास ग्रामीण का हाट बाजार, स्कूल, हॉस्पिटल आवागमन बाधित हो गया।

मौके पर आंदोलन स्थल से देवेंद्र नाथ स्टेट हाइवे ऑथॉरिटी ऑफ झारखंड के टेक्निकल हेड, कार्यपालक अभियंता, सिल्ली सीओ से टेलीफोनिक वार्ता किया और तत्काल समस्या का समाधान का मांग किया है। मौके पर वाणिज्य भारत के अधिकारी आंदोलन स्थल पहुंचे और 10 जुलाई तक तत्काल समस्या समाधान करने का आश्वासन दिया।
मांग पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन का दिया चेतावनी देते हुए धान रोपनी आंदोलन स्थगित किया गया।आंदोलन में भारी संख्या में सिल्ली प्रखंड जे एल के एम पदाधिकारी और ग्रामीण उपस्थित थे जिसमें मुख्य रूप से महावीर साहू, खुदीराम महतो, कृष्ण महतो, चैता, आलोक, प्राण, जाकिर के अलावा अन्य लोग उपस्थित थे।