झारखण्ड राज्य के निवासियों के लिए जेटेट व सीटेट दोनों की सामान्य मान्यता होनी चाहिए। केन्द्रीय संस्थाओं के सर्टिफिकेट की मान्यता को दरकिनार नहीं किया जा सकता है। राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यथासंभव अपने राज्य के ही लोग बहाल हों ।

सभी सीटेट पास सहायक अध्यापक ,आकलन पास हैं इसके बावजूद सीटेट को झारखंड राज्य में माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा अमान्य कर दिया फिर भी निरंजन देव को सीटेट से कौन सा मोहबब्त हो गया की मांग पत्र में अंकीत कर देता है जो सरासर गलत है सीटेट को मांग पत्र से हठना चाहिए नहीं तो निरंजन देव का जोरदार विरोध सभी आकलन पास सहायक अध्यापक करेंगे।