षष्ठम झारखण्ड विधान सभा का तृतीय (मानसून) सत्र दिनांक 1 अगस्त से 7 अगस्त तक आहूत है। सत्र के सुचारु संचालन हेतु झारखण्ड विधान सभा स्थित माननीय अध्यक्ष महोदय के कार्यालय कक्ष में उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई।

बैठक में विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो के अलावा राज्य के मुख्य सचिव अलका तिवारी राज्य के डीजीपी अनुराग गुप्ता , प्रशासन के बड़े अधिकारी सहित अन्य विभागों के भी अधिकारी मौजूद रहे।
बैठक खत्म होने के बाद संसदीय कार्य मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने कहा कि 1 अगस्त से झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र आहूत किया जा रहा है 1 अगस्त को जिनका शपथ या प्रतीज्ञान रह गया है वह एजेंडा में है। वही बजट सत्र और मानसून सत्र के प्रारंभ में जो लोग दिवंगत हो गए हैं उनके प्रति शोक व्यक्त किया जाएगा। दो और तीन अगस्त को छुट्टी रहेगी। 4 अगस्त को पहला सप्लीमेंट्री विधानसभा में लाया जाएगा.. 5 अगस्त को प्रश्न काल और सप्लीमेंट्री पर बहस चलेगी 6 और 7 अगस्त को बहस के अलावा अन्य चीजों पर कार्यवाही होगी।

वहीं उन्होंने कहा कि आज प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक की गई थी जिसमें पुलिस महानिरीक्षक के अलावा कई विभागों के अधिकारी मौजूद थे। विधानसभा का संचालन के लिए 29 बिंदुओं पर सुझाव दिया गया है। ट्रैफिक व्यवस्था से लेकर बिजली की कटौती न हो उसके लिए ऊर्जा विभाग के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं। पिछले सत्र के दौरान महत्वपूर्ण चर्चा के दौरान बिजली चली गई थी।
बजट सत्र और मानसून सत्र से पहले जो भी महत्वपूर्ण घटना घटी है, उसके लिए सभी को तैयारी करने का निर्देश दिया गया है। चाहे महिला से संबंधित घटना हो या फिर अन्य प्रकार की घटनाओं के लिए जवाब देने के लिए राज्य के अधिकारी तैयारी कर ले ताकि सरकार की ओर से सदन में संतोष जवाब दिया जा सके इसके भी निर्देश दिए गए हैं।

कार्यपालिका की तरफ से सरकार को सहयोग नहीं मिल रहा है। पिछले सत्र के दौरान शून्य काल के दौरान 391 प्रश्न आए थे जिनमें कुल 31 के उत्तर प्राप्त हुए हैं ,पेंडिंग में 360 प्रश्न पड़े हुए हैं। वहीं अध्यादेश 1371 पेंडिंग पड़े हुए हैं। निवेदन 135 आए जिनमें से 9 के उत्तर प्राप्त हैं 126 पेंडिंग हैं। ध्यानाकर्षण के पांच प्रश्न प्राप्त हुए थे जिनके अभी तक उत्तर प्राप्त नहीं हुए हैं।
विधानसभा का सत्र चलता है तो राज्य की जनता का ध्यान रहता है कि हमारे समस्याओं का समाधान होगा लेकिन इस तरह से उत्तर प्राप्त न होना जन समस्याओं का हल न होना यह कार्यपालिका की कमजोरी है। कार्यपालिका अगर सहयोग न करें तो यह हमारी विफलता को दर्शाता है।

बैठक में मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक समेत विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। सत्र की कार्यवाही को सफल एवं व्यवस्थित ढंग से संचालित करने के लिए सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया।