कुड़मी/कुरमी समाज के अगुआ शीतल ओहदार के अध्यक्षता में टोटेमिक कुड़मी/कुरमी विकास मोर्चा के बैनर तले पंचायती राज व्यवस्था “पेसा कानून-1996” पर परिचर्चा पुराना विधानसभा सभागार धुर्वा रांची में कुड़मी समाज के वरिष्ठ बुद्धिजीवि पुर्व जैक (JAC) अध्यक्ष डॉ अनिल कुमार महतो, रांची वि०वि०के पुर्व रजिस्ट्रार सह वाणिज्य विभाग के डिन डॉ अमर कुमार चौधरी, रजिस्ट्रार डॉ मुकुंद चंद मेहता, झारखंड उच्च न्यायालय के अधिवक्ता श्री षष्ठी रंजन महतो सहित दर्जनों अधिवक्ता और प्रोफेसर परिचर्चा में अपना बात रखी। सैकड़ों लोगों के उपस्थिति में परिचर्चा से यह निर्णय लिया गया कि कुड़मी जनजाति पेसा कानून का समर्थन करती है किन्तु कुड़मी जनजाति के रूढ़ी परंपरा “बाईसी प्रथा” शामिल किए बिना झारखंड में पेसा एक्ट लागू करना कुड़मियों के साथ घोर अन्याय होगा। यदि हमारी रुढ़ी परंपरा को जोड़े बिना यह कानून लागू किया गया तो झारखंड में अनुसूचित क्षेत्र में निवास करने वाले कुड़मी जनजाति के लिए यह काला कानून साबित होगा।

यह निर्णय हुआ कि कुड़मीयों की सबसे पुरानी रूढ़ी परंपरा “बाईसी प्रथा” आज भी बिना विचलीत गांव समाज में लागू है जिसका अक्षर सह पालन किया जाता है ,इस व्यवस्था को अनुपालन कराने में प्रत्येक गांव के “मईड़ला महतो” का सशक्त भूमिका रहता है, इस रुढ़ी परंपरा को और अधिक सुदृढ़ करने का मुहिम चलाया जाएगा। इस परिचर्चा के माध्यम से झारखंड सरकार से यह मांग किया कि गैर सरकारी आदिवासी कुड़मी जनजाति का रूढ़ी परंपरा “बाईसी प्रथा” को पेसा कानून में जोड़ा जाए, तब यह कानून सख्ती से लागू हो अन्यथा कुड़मी सड़क से सदन तक आंदोलन करेगी। इस परिचर्चा में शामिल सभी लोगों को झारखंड सरकार द्वारा ड्राफ्टिंग पेसा कानून का प्रतिलिपि बांटा गया। सर्वसम्मति से 31 सदस्यीय टीम बनाई गई जो कुड़मी रुढ़ी व्यवस्था “बाईसी प्रथा” का लिखित रूप महामहिम राज्यपाल झारखंड एवं पंचायती राज मंत्री दीपिका पांडे सिंह और मुख्यमंत्री झारखंड सरकार के साथ मिलकर मांग पत्र सौंपेंगे। परिचर्चा में कुड़मी समाज के युवाओं, समाजसेवीयों और बुद्धिजीवियों से आह्वान किया कि गांव-गांव जाकर पेसा के नाफा-नुकसान के बारे में जानकारी दें और रूढ़ी परंपरा को बनाए रखने के लिए “मईला महतो” परंपरा को आगे बढ़ाएं ।

इस परिचर्चा में मुख्य रूप से सखीचंद महतो, सुषमा महतो, सपन कुमार महतो, थानेश्वर महतो, राजेंद्र महतो, संजय लाल महतो, मुरलीधर महतो,जयंती देवी, रघुनाथ महतो, रामपोदो महतो, कुमार ऋषि, सोनालाल महतो, संदीप महतो, अधिवक्ता मिथलेश महतो, रचिया महतो, राजकुमार महतो,रूपलाल महतो, प्रदीप महतो, किरण महतो, श्रीमती सोमा महतो, अनिल महतो, रवंती देवी, रविता देवी, फुल्को देवी ,ललित मोहन महतो, हेमलाल महतो, मदन मोहन महतो, सावित्री देवी, सरधु महतो ,कपिल देव महतो, रवि महतो, सुरेश महतो , खुदीराम महतो, रामचंद्र महतो, हरिशंकर महतो ,गोपेश्वर सिंह, अघनू राम महतो, रूपलाल महतो, कन्हैया ओहदार, बृजलाल महतो, श्रीपद महतो, सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।