उर्दू शिक्षक के पद को समाप्त करने के प्रस्ताव पर किया गया विरोध।

Spread the love

जामा मस्जिद कुरपनिया के सामने अंजुमन तरक्की उर्दू बोकारो जिला के बैनर तले उर्दू शिक्षक के पद को समाप्त करने के प्रस्ताव का विरोध किया गया। प्रस्ताव के प्रारूप को फाड़ कर लोगों ने जताया विरोध। अंजुमन तरक्की उर्दू बोकारो जिला के संयोजक अफजल अनीस ने बताया कि पिछले दिनों झारखंड सरकार के स्कूली शिक्षा एंव साक्षारता विभाग दुवारा जारी प्रोन्नति नियमावली 2024 के प्रारूप पत्र में इंटरमिडिएट प्रशिक्षित,सहायक शिक्षक अथवा इंटरमिडिएट उर्दू प्रशिक्षित शिक्षक के शत प्रतिशत पद एंव स्नातक प्रशिक्षित सहायक शिक्षक संवर्ग के 50 प्रीतिशत नियुक्ति से भरे जाने वाले पद को मरणशील बताया है। उल्लिखित उर्दू शिक्षक के पद को समाप्त करने का सुझाव जो राज्य सरकार को दिया गया है यह निंदनीय है। इस प्रस्ताव को सरकार रद्द करे नहीं तो लोकतान्त्रिक व संवैधानिक तरीके से अंजुमन तरक्की उर्दू पूरे राज्य में आंदोलन करेगा। प्रारूप का विरोध कर रहे अवकाश प्राप्त शिक्षक मो नसीम अहमद ने कहा कि बिहार के समय से उर्दू जबान को दूसरा दर्जा प्राप्त रहा है।

समय समय पर राज्य सरकार उर्दू शिक्षक की नियुक्ति करती रही है परंतु शिक्षा विभाग ने प्रारूप बनाकर उर्दू शिक्षक के पद को मरणशील घोषित कर दिया है। अगर सरकार इसकी मंजूरी दे देता है तो उर्दू शिक्षक की बहाली ही बंद हो जाएगी। सरकार को चाहिए कि उर्दू जबान के साथ न्याय करे और इस प्रारूप को रद्द करे। विरोध प्रदर्शन में मदरसा दावतुल कुरान टंकी एरिया के सदर लल्लू शेख, मदरसा इसलामिया मिल्लत क्लब एरिया के नायब सदर मो जलील अंसारी, यूनाईटेड मिल्ली फोरम बेरमो के संरक्षक नौशाद अख्तर, मो कमाल मल्लिक, मो फिरोज, मो हारून रशीद, मास्टर मो नसीम अहमद, साबिर अख्तर उर्फ शब्बू, मो सलीम उर्फ चुन्नु, बद्रे आलम, मो जुबैर अंसारी, सैयद जफर आलम, गुलाम वारिस, नौशाद आलम, नदीम खान, मो मोईन अंसारी, मो जावेद अंसारी, मो अकरम इत्यादि लोग उपस्थित थे।

Leave a Reply