गुमला क्षेत्र के आंदोलनकारियों की शहादत रंग लाएंगी; पुष्कर महतो

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रांची: झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा गुमला जिला के तत्वावधान में डुमरी प्रखंड के आंदोलनकारियों का सम्मान समारोह व उलगुलान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के माध्यम से झारखंड आंदोलनकारियों के मान,सम्मान, पहचान, पेंशन नियोजन व अस्मिता और अस्तित्व की रक्षा को लेकर 16-17 दिसंबर को आर्थिक नाकेबंदी कार्यक्रम को सफल बनाने का निर्णय लिया गया। झारखंड आंदोलनकारी पुनीत उरांव ने भरनो में झारखंड आंदोलनकारियों के नाम पर स्कूल खोलने के लिए 22 एकड़ 33 डिसमिल व सीताराम उरांव ने रायडीह में कॉलेज व अस्पताल खोलने के लिए 175 एकड़ जमीन झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा को दान देने की घोषणा की।
मौके पर मुख्य अतिथि पुष्कर महतो ने कहा कि, गुमला क्षेत्र के आंदोलनकारियों की शहादत रंग लाएंगी। यहां के माय माटी में शहीदों का लहू सुखा नहीं बल्कि तरोताजा है। 16-17 दिसंबर को आयोजित आर्थिक नाकेबंदी के दौरान चप्पे चप्पे पर झारखंड आंदोलनकारियों का उबाल दिखेगा। मान सम्मान,पहचान, नियोजन सम्मान राशि की लड़ाई को बल मिलेगा,झारखंड आंदोलनकारी जय बोलेंगे। वहीं भुवनेश्वर केवट ने कहा कि, राज्य गठन के 23 वर्षों के बाद भी झारखंड के आदिवासी बहुल इलाके हैं अपेक्षित है यहां के लोग भुखमरी बेकरी पलायन और एनीमिया से पीड़ित है। सरकार की राशन,पोषाहार और आवास योजनाएं ऊपर ही ऊपर बिचौलियों की भेंट चढ़ जा रही है। बेहतर झारखंड के लिए आंदोलनकारी को नए जोश और तेवर के साथ आंदोलन को मजबूत करना होगा और 16 – 17 दिसंबर को आहट टैंक बंदी झारखंडियों के नए भविष्य को सुनिश्चित करेगा।
मौके पर सुजात टोप्पो, पुनीत उरांव,खोरस केरकेट्टा ,स्टीफन कुजूर ,स्टीफन किंडो ,शांति भगत, सुरेंद्र उरांव आदि उपस्थित थे।

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