लोकसभा चुनाव से पहले झारखंड में जमकर तबादले किए जा रहे हैं. तबादलों में नियमों को ताक पर भी रखा जा रहा है, जिसके खिलाफ अब आवाज भी उठने लगी हैं. गिरिडीह के खोरी महुआ डीएसपी साजिद जफर ने तो नियमों को ताक पर रख किए गए तबादले को लेकर इस्तीफा देने की बात तक कह दी. उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि तबादले का अन्याय पूर्ण फैसला देखकर मैंने नौकरी से इस्तीफा देने के फैसला लिया है. जीवन नौकरी से बड़ा है न्याय की जीत होनी चाहिए, जय हिंद. तबादले के खिलाफ ये पोस्ट का यह पहला मामला नहीं इससे भी डीएसपी रैंक के अधिकारी ने तबादले के खिलाफ सोशल मीडिया पर भड़ास निकाली थी।

ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर डीएसपी किशोर रजक ने सोशल मीडिया पर निकाली भड़ास, कहा- मानसिक तनाव में हूं:–
डीएसपी किशोर कुमार रजक ने 20 फरवरी 2019 को ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर फेसबुक पर अपनी भड़ास निकाली थी. डीएसपी किशोर रजक ने अपने फेसबुक वॉल पर लिखा कि वे मानसिक तनाव में हैं, उनका जीवन अस्थायी हो चुका है जिस वजह से वे काम नहीं कर पा रहे हैं. फेसबुक वॉल पर लिखा था कि बचपन से जातीय भेदभाव का शिकार नहीं हुआ था.अब पढ़ लिखकर कुछ बना हूं तो धीरे-धीरे अपनी सदियों से वंचित जाति के होने का एहसास कर रहा हूं. जोश, ऊर्जा, ईमानदारी, मेहनत, मेरिट ये सब बकवास लगने लगा है. यदि पैसा, पैरवी और किसी खास जाति का होना ही मेरिट है तो इसे कहां से लाऊं. विशिष्ट इंडिया रिजर्व बटालियन (एसआईआरबी)-2 खूंटी में दो डीएसपी की एक महीने पहले ही पोस्टिंग हुई थी.उनलोगों का कल ट्रांसफर हो गया. एसआईआरबी में अभी मैं ही हूं सिर्फ असम, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान ड्यूटी के लिए भेजा जा चुका हूं. झारखंड के भी कई जिलों में ड्यूटी कर चुका हूं. अब कब कहां ड्यूटी के लिए भेजा जाएगा पता नही.बाकी मित्र की तरह स्थायी रूप से काम नही कर पा रहा हूं. मानसिक रूप से परेशान हूं। जय हिंद! जय भारत. उनके ऊपर लगे आरोपों को प्रमाणित मानते हुए राज्य सरकार ने उनकी दो वेतन वृद्धि असंचयात्मक प्रभाव से रोकने का आदेश दिया था.साथ ही 27 सितंबर 2019 को शुरू की गयी विभागीय कार्यवाही को निस्तार भी कर दिया गया था।
तबादले से कई पुलिस अधिकारियों में नाराजगी:–
झारखंड सरकार ने बीते दिनों सैकड़ो की संख्या में पुलिस अधिकारियों का तबादला किया. इनमें से कई ऐसे पुलिस अधिकारी है,सरकार के द्वारा किए गए ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर नाराजगी जताई है. नाम नहीं छापने के शर्त पर कई पुलिस अधिकारियों ने बताया कि लंबे समय से सेटिंग में थे, इस बार की भी सेटिंग पोस्टिंग मिली है. इससे मनोबल पर असर पड़ रहा है।
कई ऐसा जिला जहां पांच से आठ माह में बदल दिये गये एसपी:–
झारखंड के कुछ जिलों में बीते दिनों एसपी बदले गये हैं. लेकिन राज्य के कई ऐसे जिले हैं, जहां पांच से आठ माह के अंदर ही एसपी का तबादला कर दिया गया. इनमें बोकारो, गुमला और देवघर शामिल है. इन तीनों जिलों में एसपी का कार्यकाल पांच से सात महीने तक रहा. हालांकि देवघर में सुभाष चंद्र जाट के बाद से जल्द एसपी के बदलने का सिलसिला रूका है।
