नीलाद्री भवन जगन्नाथपुर में विश्व हिंदू परिषद द्वारा आयोजित श्रीराम कथा मैं कथा वाचक स्वामी श्री परमात्मानंद गिरी जी महाराज ने बताया कि कलयुग में भगवत प्राप्ति का सबसे सरल माध्यम है। भगवान की कथा सौभाग्यशाली लोगों को मिलती है। कथाव्यास स्वामी श्री परमात्मानंद गिरी जी महाराज ने श्रीराम कथा का शुभारंभ करते हुए कहा कि रामकथा कलयुग में भगवत प्राप्ति का सबसे सरल साधन है, जो कानों के माध्यम से व्यक्ति के मन में प्रवेश करती है। इससे भगवान की छवि मन में बैठ जाती है और भगवत दर्शन की लालसा पैदा करती है। इसी लालसा से ही रास्ता निकाला जाता है। कथाव्यास स्वामी श्री परमात्मानंद गिरी जी महाराज ने गुरु की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि गोस्वामी तुलसीदास ने ईश्वर की प्राप्ति के लिए सतगुरु की आवश्यकता बताई है। गुरु खोजे नहीं जाते, गुरु का दर्शन किया जाता है। उन्होंने राम नाम की महिमा बताते हुए कहा कि कलयुग में योग, यज्ञ ,जप, तप, व्रत, पूजा जैसे साधना के कठिन मार्ग संभव नहीं है।

केवल भगवान के नाम का सुमिरन ही भवसागर से पार कर सकता है। भगवान के सहस्त्रनाम हैं और कोई भी नाम जपा जा सकता है। इसी प्रसंग में उन्होंने माता सती के अभिमान और बिन बुलाए अपने पिता के यज्ञ में जाने और भगवान शंकर का अपमान होने पर योग अग्नि के द्वारा अपने शरीर को जलाकर भस्म करने की कथा सुनकर श्रोताओं का हृदय द्रवित हो गया उन्होंने भगवान शिव तथा सती के प्रसंग के माध्यम से राम कथा के महत्व का सुंदर वर्णन किया। कथा के दूसरे दिन कथा के मुख्य यजमान सपत्नीक अभिषेक तिवारी जी रहे। कथा के पूर्व यजमान उमेश तिवारी ने पूजन अर्चन कर दीप जलाकर कथा का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि राम कथा से पूरा वातावरण शुद्ध होता है।

इस मौके पर विहिप प्रांत संगठन मंत्री देवी सिंह, प्रांत मठ मंदिर प्रमुख मनोज पांडे जी, महानगर अध्यक्ष कैलाश केसरी, प्रांत विशेष संपर्क प्रमुख प्रिंस अजमानी, रमेश वर्मा बाली जी, प्रांत प्रचार प्रसार प्रमुख प्रकाश रंजन, विभाग प्रचार प्रचार प्रमुख अमर प्रसाद, सुरेंद्र तिवारी, उमेश तिवारी, सुमन सिंह, पारसनाथ मिश्रा, आशुतोष मिश्रा, अजय बैठा, अशोक सिंह समेत अन्य समिति के पदाधिकारी मौजूद थे। श्री रामकथा के आयोजक विश्व हिंदू परिषद के महानगर अध्यक्ष श्री कैलाश केसरी ने कथा में आए सभी आगंतुकों का स्वागत किया कर भोग प्रसाद का वितरण किया।
