सरना झंडा प्राकृतिक पूजक आदिवासियों की परंपरा संस्कृति एवं  एकजुटता का प्रतीक है- फूलचंद तिर्की

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सरना झंडा को लेकर विशेष बैठक  की गई बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय सरना समिति के केंद्रीय अध्यक्ष श्री फूलचंद तिर्की ने किया बैठक में जनजाति सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक और छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री गणेश राम भगत के द्वारा लाल सफेद झंडा सरना झंडा आदिवासी समाज का प्रतीक चिन्ह नहीं है इसलिए आदिवासी झंडा को लगाना बंद करें और सफेद एवं हनुमान झंडा लगाए क्योंकि सभी आदिवासी सनातन हिंदू संस्कृति से जुड़े बताना इस ब्यान को लेकर केन्द्रीय सरना समिति ने कड़ी निंदा की है केन्द्रीय सरना समिति के केंद्रीय अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने कहा   कि  सरना झंडा प्राकृतिक पूजक आदिवासियों की परंपरा संस्कृति एवं  एकजुटता का प्रतीक है बाबा कार्तिक उरांव के द्वारा 32 जनजाति के परंपरा संस्कृति के रक्षा एवं एकजुट के लिए लाल एवं सफेद झंडा  स्थापित किया गया था जो आज के तारीख में लाल सफेद झंडा आदिवासी का पूरे देश विदेश में भी पहचान बन चुकी है ऐसे में गणेश राम भगत के द्वारा सरना झंडा पर प्रश्न चिन्ह लगाना निंदनीय है केंद्रीय सरना समिति के केंद्रीय महासचिव  संजय तिर्की ने कहा कि जनजाति सुरक्षा मंच के द्वारा बराबर प्राकृतिक पूजक आदिवासियों की परंपरा संस्कृति का मजाक उड़ाया जा रहा है प्राकृतिक पूजक आदिवासियों को हिंदू बताया जा रहा है एवं सरना कोड का विरोध कर रहें हैं उन्होंने कहा कि जनजाति सुरक्षा मंच आदिवासीयों के लिए ख़तरनाक है   ऐसे संगठनों को बैंड करने कि आवश्यकता है मौके पर अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के अध्यक्ष सत्यनारायण लकड़ा बाना मुंडा विमल कच्छप जयराम किस्पोट्टा सोहन कच्छप दिपक,निरज एवं अन्य शामिल थे।

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