जेएसएससी की परीक्षा रद्द होने से नाराज छात्रों ने कैंडल जुलूस निकाला सभी छात्र हाथों में तख्ती और नारेबाजी करते हुए फिरायालाल चौक से शहीद चौक तक पैदल मार्च किया। छात्रों का कहना है की यह सरकार रोजगार देने में असफल रही है अब इस सरकार के खिलाफ सड़को पर छात्र उतर के प्रदर्शन करेगी।
छात्रों का कहना है कि 15 दिसंबर को पूरे राज्य के प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र जेएसएससी कार्यालय का घेराव करेंगे।
इस पूरे मामले पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को फिर कटघरे में खड़ा किया।
श्री मरांडी ने कहा कि झारखंड कर्मचारी आयोग द्वारा आगामी 16 एवं 17दिसंबर को आयोजित होने वाली झारखंड सामान्य स्नातक योग्यताधारी सीमित प्रतियोगिता परीक्षा 2023को स्थगित किए जाने को हेमंत सरकार की असमर्थता बताया।
उन्होंने कहा कि यह परीक्षा आयोजित करने वाली एजेंसी की असमर्थता नही है। कहा कि झारखंड में सरकारी नौकरी की प्रतीक्षा कर रहे लाखों अभ्यर्थियों को हेमंत सरकार ने फिर एक बार धोखा दिया है।
दरअसल यह सरकार युवाओं को नौकरी नही देना चाहती। हेमंत सरकार की न नीति साफ है न नीयत। उन्होंने कहा कि इसके पूर्व भी राज्य सरकार ने रघुवर सरकार द्वारा निकाली गई वेकेंसी को पूरी तरह रद्द कर दिया था।
बताया कि मुख्यमंत्री जो कुछ नौकरी दे रहे वो रघुवर दास सरकार द्वारा ली गई परीक्षाओं की है जिसे उनकी सरकार ने न्यायालयों में उलझा दिया ।आज जो नियुक्तियां हो रही वह सब न्यायालय के आदेश के आलोक में हो रही।
श्री मरांडी ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने चुनाव में युवाओं से प्रतिवर्ष 5लाख नौकरी देने ,बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया,वोट लिया और फिर बेरोजगार बनाकर छोड़ दिया।
उन्होंने कहा कि अब झारखंड के युवा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को राजनीतिक बेरोजगार बनाने को तैयार हैं। झारखंड के युवा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को राजनीतिक बेरोजगार बनाने को तैयार है।