जेल में बंद ग्रामीण विकास विभाग के निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम उनके पिता और पत्नी को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. अदालत ने सभी आरोपियों की जमानत और अग्रिम जमानत याचिका फैसला सुना दिया है. 22 मार्च को सुनवाई के दौरान ED और बचाव पक्ष की बहस पूरी होने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.शुक्रवार को अदालत ने तीनों आरोपियों की याचिकाएँ खारिज कर दी है. हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई. गेंदा राम की ओर से अधिवक्ता सुभाशीष रसिक सोरेन ने बहस की. बीरेन्द्र राम के पिता गेंदा राम और उनकी पत्नी राजकुमारी देवी पर फिलहाल गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है, क्योंकि राँची PMLA (प्रीवेन्शन ऑफ़ मनी लाउंड्रिंग एक्ट) की विशेष कोर्ट दोनों को अग्रिम बेल देने से इनकार कर चुका है. वहीं वीरेंद्र राम फिलहाल न्यायिक हिरासत में है।

बता दें कि ईडी ने पिछले वर्ष 22 फरवरी को आय से अधिक संपत्ति मामले में इंजीनियर वीरेंद्र राम को गिरफ्तार किया था. इससे एक दिन पहले 21 फरवरी को ईडी ने पूर्व चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के 24 ठिकानों पर छापेमारी थी. छापेमारी के दौरान ईडी ने लगभग डेढ़ करोड़ के जेवरात सहित देश के कई शहरों में करोड़ों के निवेश से जुड़े दस्तावेज बरामद किये थे. इस केस में ईडी वीरेंद्र राम के रिश्तेदार आलोक रंजन को भी गिरफ्तार कर चुकी है।