तेजस्वनी परियोजना की महिलाएं सचिवालय घेराव करने के लिए रांची के धुर्वा प्रभात तारा मैदान से निकली।
Facebook Video Link👇
https://fb.watch/m_zHFtr-Fp/?mibextid=Nif5oz
बता दे कि इस परियोजना के तहत 8000 महिलाएं और 2000 पुरुष भी कार्य करते हैं पूर्व की रघुवर सरकार ने 2017 में सभी को नियुक्ति दी थी।

वर्ल्ड बैंक के माध्यम से यह चालू किया गया था किशोरियों को सशक्त करने के लिए 14 से 24 वर्ष के आयु वर्गों के लिए यह प्रोग्राम लाया गया था झारखंड में। रामगढ़ और दुमका जिला में सबसे पहले इसकी शुरुआत की गई थी। 2019 में वही अगर बात की जाए 15 जिलों की तो फिर से इसे 2019 में सुचारू रूप से चालू किया गया था ।

1 साल से नहीं मिली है तेजस्विनी परियोजनाओं के कर्मचारियों को तनख्वाह अपने बकाए की मांगों को लेकर सभी कई महीनो से कर रहे हैं सड़कों पर आंदोलन स्थाई समायोजन की भी की जा रही है माँग।
वही घेराव के दौरान तेजस्विनी परियोजना के कोऑर्डिनेटर दीपक कुमार कश्यप ने बताया कि मंत्री जोबा मांझी के अंतर्गत यह विभाग आता है।

अपनी मांगों को लेकर गए थे लेकिन इन्हें आश्वासन मिला कि यह प्रोग्राम को बंद नहीं किया जाएगा आगे यह चलता रहेगा। वहीं अगर तनख्वाह की बात करे तो बार-बार इन्हें आश्वासन ही मिल रहा है लेकिन अब तक कोई पहल नहीं की गई है।
वही इसमें दिए गए सामग्रियों को वापस जमा करने के लिए एक आदेश निकाल दिया गया जिस कारण सभी कर्मचारियों को अपनी नौकरी गंवाने का डर सता रहा है बार-बार नोटिस भी इन्हें दिया जा रहा है।