माघ पूर्णिमा के शुभ अवसर पर 24 फरवरी 2024 दिन शनिवार को अखिल भारतीय कल्याण आश्रम के द्वारा 18वाँ रोहतासगढ़ तीर्थ यात्रा महोत्सव कैमूर बिहार में सुनिश्चित है। रोहतासगढ़ किला प्राचीनतम किला में से है और जनजातियों की धरोहर स्थल है, इसी किला से मुगल काल में जनजातियों का शासन प्रशासन चलता था, एक समय जब मुगल काल में शेरशाह सूरी आक्रमण किए थे उसी समय सिंगी दई एवं कईली दई के द्वारा शेरशाह सूरी को तीन बार बहुत ही बुरी तरह से पराजित किया थे। इसी किला से जनी शिकार की प्रथा प्रारंभ हुई है, जो प्रत्येक 12 वर्ष के अंतराल में महिलाओं के द्वारा पुरुष भेष में जनी शिकार निकलता है। रोहतासगढ़ किला के अंदर आज भी शिवलिंग, करम का पेड़, शिव मंदिर एवं कई प्रकार की मूर्तियां पाई जाती है तथा अभी भी विद्यमान है।
इस रोहतासगढ़ तीर्थ यात्रा महोत्सव में भारत देश के कई राज्यों के जनजाति समाज/ आदिवासी यहां पर आकर पूजा पाठ, अपनी पारंपरिक वेशभूषा में वाद्य यंत्रों के साथ नृत्य करते हैं एवं मंदार ढोल बजाते हैं त्पश्चात राज्यों में जनजातियों की आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक एवं रूढ़ि प्रथा पर चर्चा की जाती है।
जनजाति सुरक्षा मंच के मीडिया प्रभारी सोमा उरांव के नेतृत्व में एक टीम को पूर्वजों की सफेद झंडा एवं मदरा मुंडा झंडा दिखाकर रावाना करेंगे। विदित हो की चर्च एवं ईसाइयों के द्वारा जनजातियों की मूल धर्म रूढि प्रथा, धर्म संस्कृति रीति रिवाज परंपरा को नष्ट कर कुरीति फैलाने में लगे हुए एवं जनजातियों के आरक्षण का लाभ भी लेते आ रहे हैं। इस बार सभी जनजातीयों ने यह संकल्प किया है कि अपनी धरोहर स्थल में पूर्वजों से केवल और केवल डीलिस्टिंग का आशीर्वाद प्राप्त करेंगे ताकि अनुसूचित जनजाति का आरक्षण का लाभ ईसाई धर्म लंबी नहीं ले सके और जनजातियों की रूढ़ि प्रथा बचा रहे इस बार यही मांग करेंगे सभी जनजाति अपने पूर्वजों से।
इस कार्यक्रम में जनजाति सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक माननीय श्री गणेश राम भगत जी के साथ-साथ बिहार प्रदेश के कई मंत्री एवं गण मान्य व्यक्ति उपस्थित रहेंगे। इस कार्यक्रम में झारखंड सहित, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, असम पश्चिम बंगाल वगैरा कई प्रदेशों के जनजाति उपस्थित होंगे।
