केंद्र सरकार का बुजुर्गों के लिए आयुष्मान कार्ड बेकार है और लोगों के साथ एक भद्दा मजाक है- हास्य कवि पंकज धरोहर

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हास्य कवि पंकज धरोहर ने कहा कि मेरे पापा सीरियस थे इसलिए उन्हें 22 अप्रैल को रांची के गुरुनानक हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में भर्ती करवाया गया था। 2 मई को  हॉस्पिटल में ही उनका देहांत हो गया था। उन्हें जब हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था तो हॉस्पिटल के द्वारा आयुष्मान कार्ड को स्वीकार नहीं किया गया था। उनका कहना था कि इस कार्ड से यहां इलाज़ नहीं होता है इससे सदर अस्पताल या रिम्स में इलाज करवाया जा सकता है। यहां इस कार्ड से केवल डायलिसिस करवा सकते हैं वो भी भर्ती होकर नहीं। आप बाहर से आकर डायलिसिस करवा सकते हैं। गुस्से में आकर मैं आयुष्मान कार्ड फेंक दिया।



धरोहर एक डॉक्टर का नाम सार्वजनिक नहीं करते हुए कहे कि इस कार्ड से इलाज के लिए हॉस्पिटल को बहुत कम पैसा दिया जाता है जिस कारण ज्यादातर हॉस्पिटल इस कार्ड को स्वीकार नहीं करते हैं।

पंकज धरोहर ने कहा कि केंद्र सरकार अगर कोई योजना लाती है तो उसके सही रूप से क्रियान्वयन के लिए भी प्रयास करना चाहिए। हम अपने सम्माननीय प्रधानमंत्री पर बहुत विश्वास करते हैं लेकिन ऐसी बातें हमारे विश्वास को चोट पहुंचती है। केंद्र सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आयुष्मान कार्ड रहने के बावजूद किसी बुजुर्ग की मौत ना हो..चाहे वह अमीर हो या गरीब।

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