सरकार न तो स्थानीय नीति बना पाई है और न ही पेसा कानून को लागू कर पाई है-आदिवासी छात्र संघ

Spread the love

आज आदिवासी छात्र संघ की एक महत्वपूर्ण बैठक केंद्रीय अध्यक्ष सुशील उरांव की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस बैठक में झारखंड के वर्तमान राजनीतिक हालात पर गहन चर्चा की गई। केंद्रीय कोषाध्यक्ष और संयोजक डॉ. जलेश्वर भगत ने अपनी चिंता व्यक्त की कि पिछले लगभग पांच वर्षों में राज्य सरकार न तो स्थानीय नीति बना पाई है और न ही पेसा कानून को लागू कर पाई है। उन्होंने आशंका जताई कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) कांग्रेस के साथ गठबंधन में बने रहते हुए पेसा कानून और नियोजन/स्थानीय नीति को लागू करने में असमर्थ रह सकती है, भले ही वह इसे लागू करना चाहती हो। यह स्थिति आदिवासी समुदाय के हितों के लिए हानिकारक साबित हो सकती है।


बैठक के दौरान केंद्रीय मीडिया प्रभारी सुमित उरांव ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि वर्तमान में BJP और कांग्रेस में बाहरी  हस्तक्षेप बड़ रहा है। उन्होंने कहा कि झारखंडी कार्यकर्ताओं को अनारक्षित सीटों पर कोई महत्वपूर्ण स्थान नहीं दिया जा रहा है। इसी प्रकार, कांग्रेस में भी झारखंडी कार्यकर्ताओं के साथ अनारक्षित सीटों पर भेदभावपूर्ण व्यवहार हो रहा है, जिससे राज्य के स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं में असंतोष बढ़ता जा रहा है।

केंद्रीय अध्यक्ष सुशील उरांव ने सभी सदस्यों से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर संघ के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए कार्य करें। बैठक में आदिवासी छात्रों की शिक्षा, रोजगार और सामाजिक स्थिति को मजबूत करने के लिए विशेष योजनाओं पर विचार किया गया। साथ ही, आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की गई और संघ के विस्तार के लिए विभिन्न कदम उठाने पर सहमति बनी।
बैठक में राँची जिला अध्यक्ष राजू उरांव, राँची विश्वविद्यालय अध्यक्ष मनोज उरांव, भुवनेश्वर मुंडा, देवदर्शन उरांव, महादेव उरांव, बिरसा उरांव, संतोष लकड़ा, बुधू उरांव, मोनू लकड़ा व अन्य उपस्थित थे।

Leave a Reply