झारखंड प्रदेश मुखिया संघ के तत्वाधान में राज भवन के पास राज्य स्तरीय अनिश्चितकालीन धरना का पांचवा दिन जारी रहा ।
माननीय मुखिया गनों का निम्नलिखित पांच सूत्री मांग है।

1. राज्य वित्त आयोग का राशि शीघ्र पंचायत को दी जाए ताकि पंचायत//गांव की सर्वांगिन विकास हो सके।
2. कार्य अवधि के दौरान किसी भी जन-प्रतिनिधि (मुखिया, पं.स.स., वार्ड सदस्य, प्रमुख एवं जिला परिषद्) की आकस्मिक मृत्यु या दुर्घटना होने पर उचित 30 लाख की मुआवजा की व्यवस्था की जाए ताकि उनका परिवार का भरन-पोषण हो सके।
3. माननीय मुखियागणों का मानदेय केरल राज्य के तर्ज पर 30,000 (तीस हजार रूपया) निर्धारित किया जाए।
4. वर्तमान समय में सरकार द्वारा चल रहे मंईयां सम्मान योजना/अबुआ आवास एवं अन्य सरकारी योजना के लिए पंचायत जन-प्रतिनिधियों एवं उनके परिवारजनों (मुखिया, पं.स.स., वार्ड सदस्य, जिला परिषद)को शामिल किया जाए ताकि शत-प्रतिशत योजना का लाभ जनता को मिल सके। जैसे- कोई मुखिया या वार्ड सदस्य अत्यन्त गरीब एवं लाल कार्डधारी तथा रोजी-रोजगार के लिए कुली लेबर का कार्य कर रहे है, वैसे जन-प्रतिनिधि व उनके परिवार को योजना का लाभ अवश्य मिलना चाहिए। इस बाबत कार्यलय से आदेश हेतु एक पत्र निर्गत किया जाए।
5. झारखंड के सभी पंचायत की मांग है कि बिना जांच किए वित्तीय शक्ति जब्त ना किया जाए, जिससे मुखिया पद का अपमान हो। झारखंड के जिस मुखियाओं का वित्तीय पावर जप्त किया गया है उन्हें पुन: वापस किया जाए। विदित हो कि मांडर प्रखंड के सरवा पंचायत के मुखिया श्रीमती प्रभा किस्पोटा को वित्तीय अनियमितता का झुठा आरोप लगाकर पदच्युत कर दिया गया। जबकि पंचायत विभाग द्वारा दिनांक 04 जुलाई 2024 को एक पत्र मुखिया को दिया जाता है, जिसमें मुखिया को अपना जवाब/पक्ष देने के लिए 15 दिनों का समय दिया जाता है। परन्तु बिना जवाब दिए ही आनन-फानन में उपायुक्त कार्यलय रांची से 09 जुलाई 2024 को एक पत्र बिना पत्रांक दिनांक के अनुच्छेद की धारा 30, 64 एवं 142 धाराओं का खुलम-खुला उल्घंन कर मुखिया प्रभा किस्पोटा को पदच्युत कर दिया गया। जोकि असंवैधानिक एवं षड़यंत्र की बू आ रही है। मुखिया प्रभा किस्पोटा की पदच्युत को पुन: वापस किया जाए।

आज की धरणा में विशेष रूप से कोडरमा जिला मुखिया संघ एवं पूर्वी सिंहभूम जिला मुखिया संघ के द्वारा विशेष रूप से धरना प्रदर्शन किया गया जिसकी अध्यक्षता झारखंड प्रदेश मुखिया संघ के अध्यक्ष सोमा उरांव ने की। संचालन मुखिया श्री संजू यादव एवं दीपक बड़ाईक के द्वारा किया गया ।
कोडरमा के जिला अध्यक्ष श्याम देव यादव ने अपने संबोधन में कहा कि यह सरकार गूंगी बहरी है और हम सब की मांगे यदि नहीं मानती है तो आने वाले दिनों में इसका जवाब सभी मुखिया गण वैलेट पेपर से देंगे।
पूर्वी सिंहभूम के जिला अध्यक्ष पलटन मुर्मू ने कहा कि यदि यह सरकार हम सबों की पांच सूत्री मांग को शीघ्र नहीं देती है तो इस सरकार को हम लोग उखाड़ कर फेंक कर रख देंगे। सरकार केवल अपनी विकास कर रही है विधायक सांसद मंत्री सभी का मानदेय बढ़ रहा है ,मोबाइल खरीदा जा रहा है, मोबाइल रिचार्ज के लिए पैसा दिया जा रहा है, आलीशान बंगला बना रहा है, आने जाने के लिए बीएमडब्ल्यू कर खरीदी जा रही है और एक माननीय मुखिया गण को बंधवा मजदूर की तरह चिट्ठी निकाल निकाल कर काम करवाया जा रहा है। गांव का सारा विकास का कार्य मुखिया गण करें और मलाई खाए विधायक सांसद और मंत्री, अब ऐसा नहीं चलेगा, सभी माननीय मुखिया गण अपना अपना हक और अधिकार को अब जान गए हैं जितना शोषण होना था हो गए अब नहीं जरूरत पड़ेगी तो सरकार का तक्ता ही बदल देंगे
वार्ड सदस्य कैलाश मंडा एवं उप मुखिया जितेंद्र साहू ने कहा कि यह मांग त्रिस्तरीय जनप्रतिनिधियों की जिसमें वार्ड सदस्य ,पंचायत समिति सदस्य ,मुखिया एवं जिला परिषद सदस्य सबो की मांग एवं लड़ाई है इसलिए वार्ड सदस्य पंचायत समिति जिला परिषद भी अनिश्चितकालीन धरना का साथ दे और धरना में शामिल हो ताकि शीघ्र ही मांग पूरा करने के लिए सरकार तैयार हो।
एवं रांची जिला के कई गण माननीय मुखिया उपस्थित थे
रांची जिला परिषद सदस्य किरण देवी, वार्ड सदस्य शबनम परवीन, कोडरमा से प्रखंड मुखिया संघ अध्यक्ष वेदु साव, कन्हाई यादव, गणपत यादव, शकील अख्तर, राजेश पासवान, लक्ष्मण मंडल, संतोष कुशवाहा,व अन्य तथा पूर्वी सिंहभूम से जिला सचिव मुखिया संघ दुलारी सोरेन, पानो मुर्मू, अभिषेक सरदार, कृष्ण सिंह, करिया हेंब्रम, फूलमनी मुर्मू, फुलमनी मांझी, धनेश्वर महतो, लक्ष्मण प्रसाद, राजकुमार यादव, गणपत यादव, पानसरी हाँसदा, रामप्रसाद बड़ाईक, नूतन पहान, रमेश बेदिया, शिवनाथ मुंडा, गुरुचरण मुंडा तथा प्रदेश अध्यक्ष सोमा उराव उपस्थित थे।
