थर्ड रांची पेडिकॉन और ईस्ट जोन मिडटर्म सीएमई का दो दिवसीय कांन्फ्रेंस के अंतिम दिन पेडिकॉन का अगाज़  भागवत गीता के साथ।

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इंडियन एकेडमिक ऑफ पीडियाट्रिक्स (आईएपी) रांची शाखा द्वारा कांके होली डे होम में आयोजित थर्ड रांची पेडिकॉन और ईस्ट जोन मिडटर्म सीएमई के दो दिवसीय  कांफ्रेंस के अंतिम दिन रविवार को पेडिकॉन  की शुरुआत भागवत गीता के उन श्लोकों कि साथ हुआ  जिसका आज हमारे समाज और चिकित्सा के क्षेत्र में बहुत आवश्यक है। साथ ही एम्स दिल्ली से आये हुए डॉक्टर सचित आनंद ने नवजात शिशुओं में नेक्रोटिज़िंग एंट्रोकोलिटिस में शल्य चिकित्सा की आवश्यकता और नवीनता पद्ध्यातियों के विषय में बताया । कलकत्ता से आये डॉक्टर अतानू भद्रा ने किशोरावस्था की समस्याओं और बीमारियों के इलाज विषय पर प्रकाश डाला । वही डॉक्टर ए एस वशुदेव ने बच्चों के किडनी की बीमारी और रात्रि में बच्चों द्वारा बिस्तर गीला करने की समस्या पर  ज़ोर दिया ।

डॉक्टर निगम प्रकाश नारायण ने रिकेट्सियल बीमारियों के ईलाज से संबंधित जानकारी दी। झारखंड से डॉक्टर राजेश कुमार ने नवजात शिशुओं के आँत से संबंधित बीमारियों के बारे मे बताया। बोकारो से आए डॉ सुबोध चंद मुंशी ने बच्चों में होने वाले गठिया रोग पर अपना व्याख्यान दिया। जमशेदपुर से आए डॉ सुधीर मिश्रा ने बच्चों के मिर्गी बीमारी में इस्तेमाल होने वाली दवाईयों के बारे मे बताया। इस दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस में   देश व राज्य भर के 250 शिशु रोग विशेषज्ञों ने  शिशु चिकित्सा क्षेत्र में आ रहे आधुनिकतम बदलावों पर अपने विचार रखे ।इस दौरान सभी शिशु रोग विशेषज्ञों को चिकित्सा के नवीनतम पद्धतियों से अवगत कराया गया। विशेषज्ञों ने आधुनिकतम चिकित्सा पद्धतियों से संबंधित अनुभवों को साझा किया।
थर्ड रांची पेडिकॉन के सफल बनाने में  शिशु रोग विशेषज्ञ सह ऑर्गनाइजिंग सेक्रेट्री (बालपन चिल्ड्रेन हॉस्पिटल) डॉ. राजेश कुमार , को ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ प्रेम कुमार व डॉ अनिताभ कुमार ,डॉ राजीव मिश्रा ,डॉ पी के गुप्ता ,डॉ अजीत सहाय ,डॉ शैलेश कुमार ,डॉ अमरदीप, डॉ एंथोनी ,डॉ नीलोत्पल,डॉ विनोद कुमार ,डॉ दीपक ने  अहम भूमिका निभाई ।

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